जिस युवक को मृत मानकर उसका ''श्राद्धकर्म'' किया जा रहा था वह घर लौटा!

वेस्ट त्रिपुरा जिले के कालीबाजार इलाके में हुई घटना, युवक के पिता का आरोप है कि पुलिस ने किसी अन्य व्यक्ति के शव को उनके पुत्र के रूप में पहचानने का दबाव बनाया था

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प्रतीकात्मक फोटो.
अगरतला:

त्रिपुरा में पिछले एक महीने से लापता 22 वर्षीय एक युवक जब मंगलवार को घर लौटा तो उसने पाया कि उसके श्राद्ध की प्रक्रिया की जा रही है. घटना वेस्ट त्रिपुरा जिले के कालीबाजार इलाके की है जहां युवक के परिजनों में खुशी की लहर है और पुलिस के प्रति आक्रोश.

मोहनपुर सब डिवीजन के कालीबाजार का निवासी आकाश सरकार पिछले एक महीने से लापता था. वेस्ट अगरतला पुलिस थानांतर्गत मेलरमठ के पास तीन जून को झील में तैरता एक शव बरामद हुआ. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मृतक कालीबाजार का एक निवासी था जो गत एक माह से लापता था.

इसके बाद पुलिस ने आकाश सरकार के परिवार से संपर्क किया और शव प्राप्त होने की सूचना दी. मोहनपुर सब डिवीजनल अधिकारी केबी मजूमदार ने कहा, “आकाश के पिता प्रणव सरकार जीबीपी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने उसका बैग, पैंट और टैब देखने के बाद अपने बेटे के शव की पहचान की.”

पोस्ट मॉर्टम करने के बाद शव को प्रणव सरकार को सौंप दिया गया और परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस अधिकारी ने कहा, “चूंकि यह मामला सही पहचान नहीं करने का है इसलिए हम जांच करेंगे और जो भी आवश्यक होगा वह करेंगे.”

युवक के पिता का कहना है कि पुलिस ने उन पर शव की पहचान करने का दबाव बनाया. युवक के पिता ने कहा, “मैंने पुलिस को बार-बार बताया कि झील से निकाला गया शव वैसा नहीं है जैसा मेरा लापता बेटा दिखता है. पुलिस ने इस पर जोर दिया कि डूबने के कारण शव फूल गया है. बैग में मिले टेबलेट और पैंट मेरे बेटे के थे लेकिन वह इतना तंदरुस्त नहीं है.”

आकाश ने कहा कि वह बटाला पुल के पास रह रहा था और हाल में वहां अपनी एक बहन से मिलने गया था. उसने कहा, “आज उसने फोन किया और मैं घर वापस आ गया तो यह देखकर आश्चर्य हुआ कि मेरा श्राद्ध हो रहा था.”

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