गाजीपुर बॉर्डर पर चाचा-भतीजे ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) की कमान संभाल रखी है. किसान नेता के तौर पर चाचा राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को सभी जानते हैं, लेकिन उनके भतीजे गौरव टिकैत (Gaurav Tikait) भी सुर्खियों में आ गए हैं. गौरव भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के बेटे हैं.
गौरव टिकैत का कहना है कि मेरठ य़ूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद वे एलएलबी की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि किसानों के हितों के लिए आंदोलन करने का उनका पारिवारिक इतिहास रहा है. पहले महेंद्र सिंह टिकैत थे, फिर चाचा राकेश टिकैत और चौधरी नरेश टिकैत ने कमान संभाल ली. गौरव टिकैत अपना किसी राजनीतिक पार्टी से ताल्लुकात होने से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि राजनीति में जाने का इरादा नहीं है, चाहे तो इसका एग्रीमेंट करा लो. आज विपक्ष पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. आज कोई ऐसा किसान नहीं है, जो कर्ज में न डूबा हो.
परिवार के बड़े किसान नेताओं की तरह ही सधे बयान देते हुए गौरव टिकैत ने कहा कि वह तो हर जगह के किसान हैं. हम पश्चिम यूपी ही नहीं, बुंदेलखंड, विदर्भ समेत पूरे देश के किसानों की आवाज उठाने आए हैं. 6 फरवरी के चक्काजाम (Farmers ChakkaJam) पर गौरव ने कहा कि हम 12 से 3 बजे तक आंदोलन करेंगे. इमरजेंसी सेवाओं वाले वाहनों जैसे एंबुलेंस, स्कूली बच्चों की बसें, आर्मी और अन्य ऐसे वाहनों को जाने दिया जाएगा.
साथ ही चक्काजाम में शामिल किसानों के लिए सेवा पानी भी किया जाएगा. उनके लिए दूध-घी, मट्ठे आदि का इंतजाम किया जाएगा. गौरव ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है. 35 साल से ऐसे आंदोलनों के जरिये किसान अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. किसान हिंसा में यकीन नहीं करता और शांतिपूर्ण ढंग से ये आंदोलन चलता रहेगा.