जम्मू-कश्मीर में हड़ताल और विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सरकार के अध्यादेश का अलगाववादी नेताओं ने विरोध किया है.
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में हड़ताल और प्रदर्शन के खिलाफ सरकार के सख्त कदम से अलगाववादी बौखला गए हैं. उन्होंने सरकार के अध्यादेश की आलोचना की है और इसे तानाशाही कहा है.
अलगाववादियों ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के उस अध्यादेश की आलोचना की, जिसमें हड़ताल या विरोध प्रदर्शनों का आह्वान करने वाले व्यक्तियों को कैद और जुर्माना होगा. दरअसल, हड़ताल या विरोध प्रदर्शनों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता है.
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एक संयुक्त बयान में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और मोहम्मद यासीन मलिक ने इस अध्यादेश को ‘बेतुका और तानाशाह’ करार दिया.
(इनपुट भाषा से)
अलगाववादियों ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के उस अध्यादेश की आलोचना की, जिसमें हड़ताल या विरोध प्रदर्शनों का आह्वान करने वाले व्यक्तियों को कैद और जुर्माना होगा. दरअसल, हड़ताल या विरोध प्रदर्शनों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता है.
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(इनपुट भाषा से)
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