छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सली हमले में 22 जवानों के शहीद होने की घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जवानों का मनोबल ऊंचा है तथा नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. बघेल ने रविवार को असम से रायपुर लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद विमानतल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि माओवादी अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं जल्द ही उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले कुछ दिनों से असम के दौरे पर थे, वह विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे थे. बघेल ने कहा कि हमारे सुरक्षा बल बुलंद हौसलों के साथ नक्सलियों से उनकी मांद में घुसकर लड़ाई लड़ रहे हैं. बीजापुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई इस लड़ाई में नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है. बघेल ने कहा,‘‘ जिस स्थान पर मुठभेड़ हुई है उसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. हमने वहां सुरक्षा बलों के लिए शिविर स्थापित करने की योजना बनाई थी जिससे माओवादी बौखलाए हुए हैं.''
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उन्होंने कहा ‘‘यह केवल मुठभेड़ नहीं थी. बल्कि इसे युद्ध कहा जा सकता है जो लगभग चार घंटे तक चला.'' बघेल ने कहा,‘‘ दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई. हथगोला और रॉकेट लांचर का भी उपयोग किया गया. हमारे जवान शहीद हुए लेकिन उन्होंने बहादुरी के साथ लड़ाई की. साथ ही उन्होंने घायल और शहीद जवान के शवों को वहां से निकालने का भी काम किया.'' मुख्यमंत्री ने कहा ,‘‘ हमें जानकारी मिली है कि नक्सली चार ट्रैक्टर में भरकर घटना स्थल से मृत और घायल नक्सलियों को ले गए हैं. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सुरक्षा बलों ने उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया है.''
मुख्यमंत्री ने इस घटना में सूचना तंत्र के असफल होने से इंकार किया और कहा,‘‘ यह पुलिस शिविर पर हमला नहीं है. हम उस क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में थे. हम सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा की तरफ से बढ़ते जा रहे हैं तथा शिविर की स्थापना कर रहे हैं. नक्सली अब 40 गुणा 40 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं. यह उनकी बौखलाहट है. हम उस क्षेत्र में शिविर स्थापित करने वाले थे उसे स्थापित करेंगे. यह वह क्षेत्र है जहां शिविर खुलने के बाद नक्सली गतिविधि में विराम लगेगा. यही कारण है कि वह बौखला गए हैं. हमारा अभियान नहीं रुकेगा. शिविर और सड़कों का निर्माण होता रहेगा. वहां के लोगों को संसाधन मुहैया कराएंगे. जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.''
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बघेल ने कहा,‘‘ पिछली घटनाओं में भी नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ था. इस घटना में भी नक्सलियों को हुए नुकसान के आंकड़े आ जाएंगे. केंद्र और राज्य का बल मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं. नक्सली अब अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं जल्द ही उनका सफाया हो जाएगा.'' राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि असम से रायपुर वापस लौटने के बाद बघेल ने विमानतल पर राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से बीजापुर में पुलिस-नक्सल मुठभेड़ की घटना के संबंध में जानकारी ली. अधिकारियों ने बताया कि बाद में मुख्यमंत्री ने शहर के रामकृष्ण केयर अस्पताल पहुंचकर घायल जवानों से मुलाकात की तथा उनके इलाज के संबंध में जानकारी ली. उन्होंने बताया कि बघेल ने घायल जवानों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया. उन्होंने जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है. इधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने बयान जारी कर कहा है कि नक्सली हिंसा से पूरा प्रदेश शोकग्रस्त है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में उत्सव में थे. कौशिक ने कहा है कि जब बड़ी संख्या में नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना पहले से ही थी तब पूरी कार्रवाई में कहां चूक हुई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा,‘‘ बड़ी संख्या में जवानों की शहादत ने सबको व्याकुल कर दिया है. इस समय चुनाव से ज्यादा हमारे सामने नक्सलवाद की चुनौती है. राज्य सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये ने साबित कर दिया है कि प्रदेश की जनता से उनको कोई सरोकार नहीं है.'' छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो गए तथा 31 अन्य जवान घायल हुए हैं.
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