कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की पहली खेप अगले 72 घंटों में देश के अन्य बड़े शहरों में भी पहुंचेगी. दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर देर रात यह खेप पहुंच सकती है.कोरोना वायरस की यह वैक्सीन कोविशील्ड है, जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में यह वैक्सीन तैयार की गई है. इससे पता चलता है कि भारत में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण शुरू करने की तैयारी जोरों पर है.
एयरपोर्ट से टीकों की खेप को सीधे राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल ले जाया जाएगा, जहां एक कोल्ड स्टोरेज सुविधा तैयार की गई है. यही हॉस्पिटल टीकाकरण के लिए मुख्य स्टोरेज फैसिलिटी का काम करेगा. यहीं से राजधानी के 600 कोल्ड चेन सेंटर तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. अगर रात में खेप को हॉस्पिटल तक ले जाना संभव नहीं हो सका तो एयरपोर्ट पर ही मौजूद कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी में उसे रखा जा सकता है. उसके बाद शुक्रवार सुबह उसे राजीव गांधी सुपर स्पेशियिलिटी हॉस्पिटल ले जाया जा सकता है.
एयरपोर्ट के सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने एनडीटीवी को पिछले माह बताया था कि एय़रपोर्ट पर कोल्ड चैंबर बने हैं, जिसमें कम से कम 27 लाख वैक्सीन को स्टोर किया जा सकता है और 80 लाख खुराक को प्रति दिन लाया ले जाया जा सकता है. दिल्ली एयरपोर्ट पर मेन कोल्ड स्टोरेज एरिया में दो बड़े कोल्ड चैंबर हैं. जिनमें -20 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बनाए रखा जा सकता है. अगर भारत में मॉडर्ना की वैक्सीन आती है तो उसे शायद यहां स्टोर किया जाएगा.