- अमेरिका से मंगलवार को 3 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं, जो पश्चिमी सीमा पर तैनात किए जाएंगे.
- AH-64E उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टरों से भारतीय सेना की आक्रमण क्षमता बढ़ेगी और सीमा पर सेना और ज्यादा मजबूत होगी.
- भारतीय वायुसेना के पास पहले से अपाचे हेलीकॉप्टर हैं और अब थलसेना के पास भी ये अपाचे हेलीकॉप्टर होंगे.
भारतीय सेना को लंबे समय से जिस लड़ाकू हेलीकॉप्टर का इंतजार था, उसकी पहली खेप भारत पहुंच गई है. अमेरिका से तीन अपाची हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं. इन हेलीकॉप्टर्स को पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर तैनात किया जाना है. 'हवा में टैंक' के नाम से जाने जाने वाले, AH-64E उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं, जिनसे भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी.
भारतीय सेना इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर्स को पश्चिमी मोर्चे पर जोधपुर में तैनात करेगी. इस तैनाती से उम्मीद है कि क्षेत्र में सेना की हमला करने की क्षमता बढ़ेगी. बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही अपाचे हेलीकॉप्टर मौजूद है, और अब भारतीय थलसेना के पास भी अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर होंगे.
राजस्थान के जोधपुर में 15 महीने से भी ज्यादा समय पहले सेना का पहला अपाचे स्क्वाड्रन स्थापित किया गया था. बता दें कि भारतीय वायु सेना के दो स्क्वाड्रन (एक पठानकोट में और दूसरा जोरहाट में) पहले से ही सक्रिय हैं.
अमेरिका के साथ बड़ी डील का नतीजा
इससे पहले, भारतीय वायु सेना ने अमेरिकी सरकार और बोइंग के साथ एक समझौते के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे. अमेरिका ने जुलाई 2020 तक भारतीय वायुसेना को सभी 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति पूरी कर दी थी. उसी वर्ष बाद में, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (अपने पहले कार्यकाल के दौरान) भारत आए, तो भारत ने छह अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए एक सौदे पर हस्ताक्षर किए.
अमेरिका के साथ भारत की ये डील 5 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की है. एक अपाचे हेलीकॉप्टर की कीमत 860 करोड़ रुपये बताई जा रही है. पहले फेज में 6 अपाचे हेलीकॉप्टरों में से 3 भारत पहुंचे हैं. हालांकि, इनकी डिलीवरी एक साल पहले होनी थी, जिसमें देरी हुई. बचे हुए 3 हेलीकॉप्टर नवंबर तक भारत पहुंचने की संभावना है.