महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच कर रहे चांदीवाल आयोग ने सोमवार को सचिन वझे का क्रॉस एग्जामिन किया. अनिल देशमुख की तरफ से काउंसिल गिरीश कुलकर्णी ने वझे से सवाल पूछे.
सवाल - अपने निलंबन की अवधि के दौरान जब आप मामले की जांच कर रहे थे, तो आप मुंबई सीपी के कार्यालय से जुड़े थे, या किसी के आयुक्त, अन्य जगह?
सचिन वझे - मैं एलए 1, मुंबई से जुड़ा था. मैं कोई ऑपरेशन नहीं कर रहा था, मैं सहायता कर रहा था.
सवाल - अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए आपको किसने निर्देशित किया? क्या आपने अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने की पूर्व योजना बनाई थी?
सचिन वझे - ज्वाइंट सीपी ने मुझे अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था.
सवाल - अर्णब को गिरफ्तार किए जाने पर कितने पुलिस अधिकारी तैनात किए गए थे?
सचिन वझे - मुझे याद नहीं है
गिरीश कुलकर्णी - अर्णब गोस्वामी से जुड़े दो मामले थे, एक रायगढ़ जिला पुलिस से और दूसरा टीआरपी मामले से संबंधित ?
सचिन वझे - हां
सचिन वझे - चार नवंबर 2020 को गोस्वामी की गिरफ्तारी के लिए मेरी सहायता की गई थी. संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद भारम्बे के अनुरोध पर मैं रायगढ़ से आई टीम की सहायता के लिए मुंबई अपराध शाखा के लिए टीम का नेतृत्व कर रहा था.
गिरीश कुलकर्णी - कितने पुलिस कर्मी सहायता कर रहे थे?
सचिन वझे - मुझे याद नहीं है कि मेरी यूनिट से कितने पुलिस कर्मी सहायता कर रहे थे. मुझे याद नहीं है कि रायगढ़ से कितने पुलिस कर्मी जांच कर रहे थे. गोस्वामी और अन्य की गिरफ्तारी के उद्देश्य से हम सुबह 6 बजे गए थे. जब हमने अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया तब रायगढ़ पुलिस के जवान मेरे साथ थे. याद नहीं कितने पुलिसकर्मी मौजूद थे.
गिरीश कुलकर्णी - इस संबंध में शाम को अर्णब की गिरफ्तारी के बाद क्या कोई प्रेस वार्ता हुई? प्रेस वार्ता के लिए जांच अधिकारी या गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा जानकारी दी जाती है?
सचिन वझे - हां.
गिरीश कुलकर्णी - तो अर्णब की गिरफ्तारी के बाद आप मामले से अलग हो गए तो किसी को जानकारी नहीं दी?
सचिन वझे - मुझे गिरफ्तारी की सूचना देनी थी. इसलिए इस मामले में मैंने एसीपी डिटेक्शन स्पेशल शशांक सांडभोर को सूचना दी, जिसे मैंने रिपोर्ट किया. मैंने डीसीपी डिटेक्शन और ज्वाइंट सीपी को सूचना दी. हां मैंने केवल इन लोगों को सूचना दी और मुझे याद नहीं कि मैंने मुंबई पुलिस आयुक्त को सूचना दी थी या नहीं?
गिरीश कुलकर्णी - क्या गोस्वामी की गिरफ्तारी पर कोई विवाद था?
सचिन वझे - मुझे नहीं पता कि अर्णब की गिरफ्तारी ने कोई विवाद पैदा किया है या नहीं. टीआरपी मामले के संबंध में मेरी ओर से व्यक्तिगत रूप से मुंबई पुलिस आयुक्त को कोई ब्रीफिंग नहीं की गई थी.
गिरीश कुलकर्णी - टीआरपी मामले में क्या आपको पुरस्कृत किया गया या आयुक्त द्वारा आपको बधाई दी गई?
सचिन वझे - मुझे याद नहीं है.
गिरीश कुलकर्णी – टीआरपी मामले में भी आप ही थे जो चिंतित थे. स्थिति हाई कोर्ट तक पहुंच गई और आपको सीपी मुंबई को बताना पड़ा?
सचिन वझे - नहीं, व्यक्तिगत रूप से मुझसे कोई ब्रीफिंग नहीं हुई थी. अर्णब को मुंबई पुलिस ने कभी भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया. मेरा अंतिम कार्य दिवस 11 मार्च 2021 को CIU इकाई में था.
गिरीश कुलकर्णी - टीआरपी मामले में अर्णब और उनकी टीम को आपके कार्यालय में बुलाया गया, आपने उनसे पूछताछ की?
सचिन वझे - मैंने अर्णब से पूछताछ नहीं की.. उनकी टीम से पूछताछ की थी.
गिरीश कुलकर्णी - क्या टीआरपी मामले में जांच के लिए अर्णब और उनके कर्मचारियों को आपके कार्यालय में बुलाया गया था? .
सचिन वझे - जब मैं सीआईयू में था, तब अर्णब को नहीं बुलाया गया था लेकिन उनके स्टाफ को बुलाया गया था. मैंने आखिरी बार 11 मार्च को सीआईयू में काम किया था. मुझे याद नहीं है कि क्या कोई विवाद था जिसके संबंध में मुझे सीपी या अन्य उच्च अधिकारी को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता थी.
गिरीश कुलकर्णी - आपको एक प्रमुख भूमिका निभानी थी? अच्छा काम करने के बावजूद क्या यह सच है कि यह आरोप लगाया गया था कि आपने बार्क से 30 लाख रुपये निकाले हैं?
सचिन वझे - नहीं, मुझे जानकारी नहीं है.
गिरीश कुलकर्णी - क्या ईडी आपके खिलाफ बीएआरसी से 30 लाख लेने के आरोपों की जांच कर रहा है?
सचिन वझे - नहीं
गिरीश कुलकर्णी - टीआरपी मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी कौन है?
सचिन वझे - मुझे याद नहीं है.
गिरीश कुलकर्णी - क्या चैनल रिपब्लिक पर कोई विशेष शिकायत थी?
सचिन वझे - नहीं, कुछ और नामित चैनल और अन्य चैनल थे. बार्क ने बाद में रिपब्लिक को जोड़ा.
गिरीश कुलकर्णी - अर्णब के मामले में नियमित मीडिया ब्रीफिंग की जाती थी?
सचिन वझे - नहीं .
गिरीश कुलकर्णी - क्या अर्णब गोस्वामी के खिलाफ कोई विशेष आरोप थे?
सचिन वझे - मुझे याद नहीं है.
आयोग की सुनवाई कल के लिए स्थगित.