केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों (Armed forces) को कोविड क्वारंटाइन यूनिट बनाने के लिए आपात वित्तीय शक्तियां दे दी हैं. उन्हें आपात चिकित्सा जिम्मेदारी (Medical tasks) निभाने की शक्तियां भी दी गई हैं. देश में कोरोना के करीब पौने चार लाख मामलों के बीच यह कदम उठाया गया है. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की है और कोरोना के खिलाफ युद्धस्तर पर तैयारियों के लिए सैन्य बलों को निर्देश दिए हैं.
इसके जरिये सशस्त्र सेनाओं को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रयास तेज करने में मदद मिलेगी. पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना के रिकॉर्ड मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. ऐसे अधिकार मिलने से सेनाएं कोविड से जुड़े केंद्रों का संचालन कर पाएंगे, जरूरी उपकरण खरीदने और अन्य संसाधन जुटाने का काम तेजी से कर सकेंगे. वे किसी भी आपात जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे.
इन अधिकारों से कमांडरों को कोविड अस्पताल स्थापित करने और संचालित करे, क्वारंटाइन केंद्र का परिचालन करने या बिना किसी मंजूरी के कोविड से जुड़े उपकरणों की खरीद की छूट मिल जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने शनिवार को इसकी घोषणा की. राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा, सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ाने और कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी लड़ाई में उनके प्रयासों को मजबूती देने के लिए विशेष प्रावधानों का इस्तेमाल किया गया और सशस्त्र सेनाओं को आपात वित्तीय शक्तियों का अधिकार (Emergency Financial Powers to the Armed Forces) दिया गया है.
इसके तहत कार्प्स कमांडर या एरिया कमांडर को प्रत्येक मामले में 50 लाख रुपये तक की शक्तियां और डिवीजन कमांडर-सब एरिया कमांडर को 20 लाख रुपये की आपात मंजूरी की वित्तीय शक्तियां दी गई हैं. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी.
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