भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (AstraZeneca-Oxford Vaccine) कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बीच ब्रिटेन में इसका टीकाकरण भी शुरू हो गया है. ब्रिटिश सरकार की इस पहल को गेमचेंजर माना जा रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस के नए संक्रामक स्ट्रेन से यूरोपीय देशों में नए मामलों में फिर तेज इजाफा देखने को मिल रहा है. चीन भी अपनी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण में जुट गया है.
ब्रिटेन ने कोविशील्ड वैक्सीन की 5.30 लाख खुराक के साथ अभियान शुरू किया है. दरअसल, ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से नए मामलों में तेज इजाफे ने सरकारी स्वास्थ्य तंत्र को भारी दबाव में ला दिया है. ब्रिटिश सरकार ने वायरस पर नियंत्रण के लिए फिर से सख्त नियम लागू कर दिए हैं.
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (AstraZeneca-Oxford Vaccine) को सुरक्षित रखने के लिए बेहद कम तापमान की बजाय 2 से 8 डिग्री सेल्सियस में ही स्टोर किया जा सकता है. जबकि आपात इस्तेमाल के लिए फाइजर-बायोनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन को बेहद कम तापमान में सुरक्षित रखने की जरूरत है. ऐसे में गरीब और विकासशील देशों के लिए ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन बेहद अनुकूल साबित हो सकती है. कोरोना से दुनिया भर में अभी तक 8.5 करोड़ लोग संक्रमित और 18 लाख लोग मारे जा चुके हैं.
नेशनल हेल्थ सर्विस इंग्लैंड ने एक बयान में कहा कि ऑक्सफोर्ड के चर्चिल हॉस्पिटल में ब्रायन पिंकर को यह पहली खुराक दी जाएगी. पिंकर का कहना है कि वह वैक्सीन की पहली खुराक को लेकर बेहद खुश हैं. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि हम ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का टीकाकरण शुरू करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं.