'बदसूरत लड़कियों की भी शादी हो जाती है...' : कॉलेज की पाठ्यपुस्तक में गिनाए गए दहेज के 'फायदे'

इसी पेज की फोटो को शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी शेयर किया है, जिन्होंने शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी चीजों को हटाने का आह्नान किया है. उन्होंने पाठ्यक्रम में ऐसी बातें लिखी होने को एक शर्म की बात कहा है.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
कॉलेज की पाठ्यपुस्तक में बताए गए दहेज प्रथा के फायदे (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

दहेज प्रथा के फायदों के बारे में एक किताब के पेज की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे देखकर लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि इस तरह की पाठ्यपुस्तक से युवाओं और समाज को कैसा संदेश दिया जा रहा है. इस पेज को कई सोशल मीडिया यूजर्स ने टीके इंद्राणी द्वारा नर्सों के लिए समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक बताया है. इसमें पेज पर शीर्षक लिखा है कि मैरिट ऑफ डॉउरी "Merits of Dowry".ये किताब नर्सिंग के स्टूडेंट्स के सेलेब्स का हिस्सा है और इसके कवर पर लिखा है- इंडियन नर्सिंग काउंसिल सलेब्स.

इसी पेज की फोटो को शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी शेयर किया है, जिन्होंने शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी चीजों को हटाने का आह्नान किया है. उन्होंने पाठ्यक्रम में ऐसी बातें लिखी होने को एक शर्म की बात कहा है.

Advertisement

इस पेज पर लिखा है कि फर्नीचर, रेफ्रिजरेटर और वाहनों जैसे उपकरणों के साथ दहेज नया घर स्थापित करने में सहायक है. इसके बाद दहेज में माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने वाली लड़कियों को इस प्रथा की एक और "योग्यता" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. हमारे देश में दहेज प्रथा लंबे समय से प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी जारी है. दहेज की मांग को लेकर महिलाओं को प्रताड़ित करने, मारने और आत्महत्या के लिए उकसाने की खबरें आज भी आती रहती हैं. इसके आखिरी प्वाइंट में लिखा है- दहेज प्रथा बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की शादी करने में मदद कर सकती है.

Advertisement

ट्विटर यूजर्स ने किताब की आलोचना करते हुए कहा है कि यह चौंकाने वाली बात है कि ऐसी किताबें कॉलेज स्तर के छात्रों के पाठ्यक्रम का हिस्सा है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh-Rajasthan को 'वॉटर गिफ्ट'... दोनों राज्यों को चमकाने वाली परियोजना | NDTV Explainer
Topics mentioned in this article