मणिपुर में सेना के काफिले को शनिवार को निशाना बनाया गया. आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में भारतीय सेना के एक कर्नल, उनकी पत्नी और बेटे तथा चार अन्य जवान मारे गए हैं. रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी. यह हमला इस क्षेत्र में वर्षों में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है. मणिपुर पुलिस के खुफिया सूत्रों की मानें तो इस हमले के पीछे इलाके में सक्रिय 3-4 आतंकवादी समूहों की एक संयुक्त टीम का हाथ हो सकता है. पहले आईईडी ब्लास्ट हुआ और फिर सड़क के दोनों ओर से भारी फायरिंग हुई.
मणिपुर मुठभेड़ पर डीजी असम राइफल्स ने अपने बयान में कहा कि 13 नवंबर को 11 बजे असम राइफल्स के एक काफिले पर थिंगघाट, मणिपुर में विद्रोहियों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया. 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी सहित पांच जवानों ने ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है. घटना में कमांडिंग ऑफिसर की पत्नी और बच्चे की भी जान चली गई. डीजी और असम राइफल्स के सभी रैंक ने बहादुर सैनिकों और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
सूत्रों ने बताया कि 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी शनिवार को एक फॉरवर्ड कैंप गए थे और वहां से वापस लौट रहे थे जब उनके काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया.
सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे मणिपुर के आतंकी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी या PLA का हाथ है. हालांकि अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने आर्मी अफसर और उनके परिवार की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि उग्रवादियों को पकड़ने के लिए काउंटर ऑपरेशन शुरू किया गया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर के कहा, "मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुआ कायर्तापूर्ण हमला बेहद दर्दनाक और निंदनीय है. देश ने सीओ 46 एआर समेत पांच बहादुर जवानों और दो परिवार के सदस्यों को खो दिया है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. जल्द ही दोषियों को के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा, "46 असम राइफल्स के काफिले पर कायरतापूर्ण हमले की निंदा करता हूं, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर और उनके परिवार के समेत कुछ जवानों की आज मौत हो गई है. राज्य पुलिस और पैरा मिलेट्री आतंकियों को पकड़ने के काम में लगी हुई है. दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा."
कई पूर्वोत्तर राज्यों की तरह मणिपुर भी दर्जनों सशस्त्र समूहों का घर है. इससे पहले, साल 2015 में मणिपुर में आतंकियों के हमले में 20 जवानों की मौत हुई थी.
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