जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को मार गिराया गया. पुलिस ने कहा कि आतंकी मोहम्मद अली हुसैन को एक पुलिसकर्मी से राइफल छीनने और भागने की कोशिश करने के बाद गोली मारी गई. इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि आतंकी कई सालों से जम्मू की एक जेल में बंद था. पुलिस का कहना है कि वह जेल से हथियार गिराने वाले ड्रोन को हैंडल करता था.
जम्मू रिजन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने कहा कि जम्मू के एक आरोपी ने खुलासा किया है कि पाकिस्तानी कैदी ड्रोन चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था. साथ ही उसका संबंध लश्कर और अल-बद्र आतंकी ग्रुप से था. पुलिस उसे हथियार बरामदगी को लेकर बॉर्डर पर ले गई थी, जहां उसने भागने की कोशिश की. एडीजीपी ने कहा कि उसने पुलिस पार्टी पर गोलियां चलाईं और मौके से भागने की कोशिश की. जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल हो गया और उसे घायल पुलिस अधिकारी के साथ जीएमसी अस्पताल जम्मू ले जाया गया.
लगातार पूछताछ के दौरान आरोपी ने अरनिया वेपन ड्रॉप मामले में अपनी भूमिका स्वीकार की और 2 स्थानों का भी खुलासा किया जहां ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियार और गोला-बारूद को छिपाया गया था. हथियार बरामद करने के लिए पुलिस की टीम संबंधित मजिस्ट्रेट के साथ मौके पर गई. हालांकि, पहले स्थान पर कोई बरामदगी नहीं हुई, लेकिन दूसरी जगह फलियां मंडल क्षेत्र में टोफ गांव (अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास) से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों का एक पैकेट बरामद किया गया था. जब पैकेट खोला जा रहा था तो आरोपी ने एक पुलिस अधिकारी पर हमला कर दिया और उनकी सर्विस राइफल छीन ली.
उसने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की और मौके से भागने की कोशिश की. जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल हो गया और उसे घायल पुलिस अधिकारी के साथ जीएमसी जम्मू ले जाया गया. घायल आतंकवादी ने बाद में दम तोड़ दिया. बम निरोधक दस्ते की मदद से बरामद पैकेट की जांच की जा रही है.
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