जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सुरक्षा मोर्चे पर ‘‘विफलता'' को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि श्रीनगर में हाल में हुई लक्षित हत्याएं सरकार के स्थिति सामान्य होने के दावों के विपरीत ‘‘खराब हालात'' को उजागर करती हैं. अब्दुल्ला ने आतंकवादी हमले की निंदा की और आतंकवादियों के हमले में मारे गए दो गैर-स्थानीय व्यक्तियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
साल की पहली लक्षित हत्या में, आतंकवादियों ने बुधवार को श्रीनगर में एक सिख सहित पंजाब के दो श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी. अमृतसर के रहने वाले अमृतपाल सिंह को शल्ला कदल इलाके में आतंकवादियों ने करीब से गोली मार दी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गोलीबारी में घायल हुए 25 साल के रोहित ने बृहस्पतिवार को दम तोड़ दिया.
अब्दुल्ला ने जम्मू में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर वे ‘डबल इंजन' सरकार का दावा करते हैं और ऐसे दावों के बावजूद, अगर श्रीनगर में आतंकवादी हमले जारी रहते हैं, तो यह (सुरक्षा के मोर्चे पर) उनकी विफलता है.''
उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर को नयी दिल्ली से सीधे नियंत्रित किया जाता है. बजट वहीं से पारित होता है और एलजी साहब (उपराज्यपाल मनोज सिन्हा) को निर्देश भी वहीं से मिलते हैं.''
अब्दुल्ला ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हमें गहरा अफसोस है कि बाहर से आए दो मेहमान गोलियों का शिकार हो गए. एक की कल मौत हो गई और दूसरे ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया. हम उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं.''
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों से श्रीनगर में ऐसे हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘शहर के बीचोबीच हो रहीं लक्षित हत्याएं संकेत देती हैं कि सरकार के (सामान्य स्थिति के) दावों के विपरीत स्थिति खराब है.''
आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट हासिल करने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी के बारे में एक सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले उन्हें इन ‘400 से अधिक' टिप्पणियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लोगों के जीवन की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए.