IGI एयरपोर्ट का टर्मिनल-1 मुसाफिरों के लिए जल्‍द होगा शुरू, हैं ये सुविधाएं... 

यहां पर बेल्‍ट की लंबाई भी पहले से ज्‍यादा बड़ी है. यही नहीं, दो बेल्‍ट के बीच की स्‍पेस बढ़ाई गई है ताकि मुसाफिरों को बैगेज कलेक्‍ट करने में दिक्‍कत नहीं हो.

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आईजीआई एयरपोर्ट का टर्मिनल 1 का काम लगभग खत्‍म ही होने वाला है
नई दिल्‍ली:

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI)एयरपोर्ट का टर्मिनल 1 (Terminal 1) टर्मिनल जल्‍द ही मुसाफिरों के लिए शुरू हो जाएगा. यहां पर भी टर्मिनल-2 और टर्मिनल-3 जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं जैसे टैक्‍सी, शटल बस के लिए अलग लेन. मैट्रो पीछे है जो ऑपरेशनल है, इससे यहां तक पहुंचने में दिक्‍कत नहीं आएगी.  इसका लुक आमतौर पर टी2 और टी3 जैसा ही है. अनुमान है कि अगले दो-तीन सालों में 10 करोड़ मुसाफिर यहां सालाना आएंगे, उतरेंगे या जाएंगे. इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है. साथ में चौथे रनवे का भी काम पूरा हो गया है. इसके लुक में इस बात का ध्‍यान रखा गया है तो सनलाइट यानी सूरज की रोशनी भी आती रहे ताकि बिजली की खपत कम हो.  

यहां पर बेल्‍ट की लंबाई भी पहले से ज्‍यादा बड़ी है. यही नहीं, दो बेल्‍ट के बीच की स्‍पेस बढ़ाई गई है ताकि मुसाफिरों को बैगेज कलेक्‍ट करने में दिक्‍कत नहीं हो. यहां पर चार बेल्‍ट है जिसमें बेहतर स्‍पेस देने की कोशिश की गइ है. टर्मिनल-1 में एलईडी बल्‍ब का इस्‍तेमाल किया गया है, इसे ग्रीन बिल्डिंग का नाम दिया गया है.

मॉडर्न टेक्‍नोलॉजी के जरिये डायल ने इसे बनाया है. रीक्रिएशन रूप  भी है. टॉयलेट में दिव्‍यांग की जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए  'वेल बटन' दिया गया है. दिव्‍यांगों को टायलेट में अंदर दिक्‍कत आने की स्थिति में वे बाहर से किसी को बुला सकते हैं. बेबी चेंजिंग रूम है जो कामकाजी महिलाओं के लिए उपयोगी साबित होगा. आने वाले वक्‍त को ध्‍यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है.  8000 स्‍क्‍वेयर फिट के टी 1 एराइवल टर्मिनल में मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. बेहतर लुक देने के साथ ही इसे ऐसे डिजाइन किया गया है कि बिजली की कम खपत हो. 

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