तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति के विधायकों की कथिक खरीद फरोख्त के आरोप में हिरासत में लिए गए तीन युवकों को गिरफ्तार किया जा सकता है. लोअर कोर्ट के आदेश को पलटते हुए हाईकोर्ट ने शनिवार को ये आदेश दिया. गुरुवार को लोअर कोर्ट द्वारा उन्हें हिरासत में लेने की पुलिस की अर्जी को खारिज किए जाने के बाद रिहा कर दिया गया था.
सबूतों का आभाव बताते हुए कोर्ट ने धारा-41 के तहत नोटिस जारी करके पुलिस को बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार करने की अनुमति दी है. साथ ही पुलिस को कहा कि वो आरोपियों से सवाल करें, जो कथित तौर पर बीजेपी से जुड़े हुए बताए गए हैं.
बता दें कि आरोपियों को बुधवार की रात हैदराबाद के पास स्थित फार्महाउस के पास से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया था कि उन्हें बीआरएस के चार विधायकों को बीजेपी में शामिल होने के लिए घूस देते हुए पकड़ा गया था. ऐसा आरोप है कि बीजेपी कई राज्य जहां उसकी सरकार नहीं है, वहां विपक्ष के विधायकों को पार्टी में शामिल कराने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाती है. इसे 'आपरेशन लोटस' का नाम दिया गया है.
पुलिस ने दावा किया है इस पूरे प्रकरण में शामिल विधायकों में एक पायलट रेड्डी, जिनके फार्म हाउस में ये सब हो रहा था ने ही उन्हें इस संबंध में सूचना दी थी. रेड्डी की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि चार विधायकों की खरीद के लिए ₹ 250 करोड़ का ऑफर था.
तेलंगाना के पुलिस प्रमुख स्टीफन रवींद्र ने एनडीटीवी को बताया कि विधायकों ने पुलिस को फोन किया और कहा कि उन्हें "पार्टी बदलने के लिए लालच और रिश्वत दी जा रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी को बदलने के लिए ढेर सारे पैसे, अनुबंध और पदों की पेशकश की गई थी.
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