तेलंगाना के एक इंजीनियर पर भ्रष्टाचार (Telangana Corruption) का मामला दर्ज किया गया है. छापेमारी में इतनी संपत्ति मिली है, जिसे देखकर जांच ऐजेंसी भी हैरान है. सवाल यही कि आखिर तेलंगाना में सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पास इतना पैसा आया कहां से. उसने अपने बेटे की थाईलैंड में डेस्टिनेशन वेडिंग की, जिसमें कथित तौर पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए. संपत्ति की अगर बात करें को उसके पास एक विला, तीन इंडिपेंडेंट बिल्डिंग्स, 19 प्राइम रेजिडेंशियल प्लॉट्स, करीब 4 फ्लैट और कई होटलों में हिस्सेदारी है. वह पेशे से तो सिंचाई विभाग में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर है, लेकिन लाइफस्टाइल ऐसा जैसे कोई रईस व्यापारी हो.
इंजीनियर के पास इतना पैसा आया कहां से?
एंटी करप्शन ब्यूरो ने मंगलवार को एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नुने श्रीधर से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान ऐसी संपत्तियां बरामद की, जिससे पता चलता है कि ये सब उसकी कमाई से कहीं ज्यादा है. प्रॉपर्टी की लिस्ट में हैदराबाद के शेखपेट में स्काई हाई नाम के एक आलीशान रेंजिडेंशियल आवासीय परिसर में 4,500 वर्ग फुट का फ्लैट और करीमनगर में कम से कम तीन अन्य फ्लैट शामिल हैं.
भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर
अधिकारियों का कहना है कि श्रीधर के पास हैदराबाद के पास तेलपुर में एक विला, वारंगल, करीमनगर और हैदराबाद में तीन इंडिपेंडेंट इमारतें, तीन शहरों में 19 प्राइम रेजिडेंशियल प्लॉट्स, 16 एकड़ खेती की जमीन और करीमनगर में कई होटलों में हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत कई करोड़ रुपये है, इसके अलावा नकदी, गहने और बैंक में जमा रकम भी पाई गई है.
तेलंगाना की ये सिंचाई परियोजना भ्रष्टाचार से घिरी
सूत्रों के मुताबिक, श्रीधर कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना में भी शामिल थे, जो जो भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी हुई है. तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव को भी पीसी घोष आयोग ने तलब किया है. यह आयोग परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है. राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों में यह बड़ा मुद्दा बना था. भारत राष्ट्र समिति ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए जोर देकर कहा था कि इसकी योजना और निर्माण तेलंगाना के लोगों के कल्याण के लिए किया गया था.
आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों के मुताबिक, श्रीधर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है. संभावित बेनामी होल्डिंग्स और सिंचाई कॉन्ट्रैक्ट्स में भ्रष्टाचार के लिंक का पता लगाने के लिए सभी फाइनेंशियल दस्तावेजों, संपत्ति के कागजात और लेन-देन के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है.