सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. लगातार विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है, जिसमें इस बजट को बस 'प्राइवेटाइजेशन और कॉरपोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने' वाला बताया गया है. राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव भी बजट के आने के बाद लगातार इसे लेकर हमलावर हैं. सोमवार को उन्होंने कई मुद्दों पर एक के बाद एक ट्वीट किया और महंगाई को लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर हमला किया.
एक ट्वीट में उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश में महंगाई विलुप्त होने के कगार पर है, ऐसे में सरकार को महंगाई को संरक्षित करने के प्रयास करने पड़े रहे हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'देश बदल गया है. महंगाई तो विलुप्त होने के कगार पर है. मोदी सरकार नहीं चाहती कि आने वाली पीढ़ी महंगाई देखने म्यूजियम जाए, अंत: इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए मजबूरी वश पेट्रोल और ज़रूरी चीजों के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं. 'पागल विकासवा' के बारे इस से ज़्यादा और क्या कहूं.'
बता दें कि सोमवार को आए बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाने की घोषणा की है. हालांकि, इसका असर उपभोक्ता की जेब पर पड़ने वाला नहीं है. बजट में पेट्रोल पर ढाई रुपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर कृषि सेस लगाया गया है. चूंकि, कृषि सेस को बढ़ाने के साथ ही बेसिक एक्साइज ड्यूटी और एडीशन एक्साइज ड्यूटी के रेट को कम कर दिया गया है जिससे कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है.
इसके अलावा, बजट की घोषणाओं के बाद देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो पार्ट्स सहित सिल्क उत्पाद वगैरह महंगे होने वाले हैं.