राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार में कोरोना जांच, टीकाकरण और दवा खरीद मामले में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने इस मामले पर ट्वीट किया है, इसके साथ उन्होंने राज्य में टीकाकरण को लेकर एक अखबार की खबर ट्वीट करके स्वास्थ्य मंत्री के दावे का जिक्र किया है. अखबार की इस खबर में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जहां एक दिन में 6.62 लाख लोगों के टीकाकरण होने का दावा कर रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग के हवाले से एक दिन में 1.23 लाख लोगों को वैक्सीन दिए जाने की बात कही गई है. अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, 'बिहार में फ़र्जीवाड़े और भ्रष्टाचार की यह छोटी सी बानगी है. नीतीश सरकार ने कोरोना जांच, दवा ख़रीद, एंबुलेंस, टीकाकरण और मौत के आंकड़ों में भारी फ़र्जीवाड़ा किया है. मुख्यमंत्री का अलग आंकड़ा है, स्वास्थ्य मंत्री का अलग और स्वास्थ्य विभाग का अलग.बेशर्मों को अब भी शर्म नहीं आ रही.'
तेजस्वी पिछले कुछ समय से नीतीश सरकार के खिलाफ 'हमलावर रुख' अख्तियार किए हैं. पिछले माह यानी मई में ही कोरोनाकाल में बिहार की चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तेजस्वी यादव ने जेडीयू-बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. तेजस्वी ने दावा किया था कि बिहार में पिछले 16 साल में गांवों और कस्बों में अस्पताल बढ़ने की बजाय घट गए हैं. राजद नेता का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MOHFW) के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, कथित जंगलराज और क्रीम-पाउडर वाले नीतीश-भाजपा राज का सच सामने आ गया है. बिहार में वर्ष 2005 में स्वास्थ्य उप केंद्रों की संख्या 10337 थी, जो अब 2020 में घटकर 9112 रह गई है.
तेजस्वी का दावा था कि कि ये आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हैं. इसी आधार पर उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 16 साल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या भी 101 से घटकर 57 रह गई है. तेजस्वी ने ट्वीट में सवाल किया, खुद सोचिए/पूछिए, 16 वर्षों में नीतीश जी ने 2005 तक कार्यरत कितने स्वास्थ्य केंद्रों को कब, क्यों और किसलिए बंद किया?