- तेजस्वी यादव दो वोटर आईडी कार्ड पर घिरे हैं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने घेरा
- चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भी भेजा है दो वोटर आईडी नंबर को लेकर
- राजद नेता का दावा था- उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है
दो मतदाता पहचान पत्र (EPIC) मामले में चुनाव आयोग द्वारा दिए गए नोटिस पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस मुद्दे पर जवाब दिया जाएगा. इसमें क्या बड़ी बात है? चुनाव आयोग को हमें उन कई मतदाताओं के बारे में बताना चाहिए जिनके नाम सूची में नहीं हैं... एक ही घर के 50 लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं. चुनाव आयोग द्वारा ऐसी कई गलतियां की गई है. हम इसे चुनाव आयोग को भेजेंगे और अदालत में अपना पक्ष रखेंगे.
दो वोटर आईडी होना गैरकानूनी है. इसमें एक साल तक सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है. आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस भेजा है और उनसे ईपीआईसी नंबर पर जवाब मांगा है. आयोग का कहना है कि पिछले दो बार चुनाव से जो आईडी नंबर इस्तेमाल कर रहे हैं, वो अलग है.
क्या होता है EPIC नंबर?
EPIC नंबर क्या होता है, आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे आपका आधार कार्ड पर एक न्यूमेरिक नंबर लिखा होता है, ठीक उसी तरह वोटर आईडी पर भी एक 10 अंकों का नंबर दर्ज होता है, जिसे EPIC नंबर कहा जाता है. इसका फुलफॉर्म Electors Photo Identity Card होता है. 18 साल की उम्र से ऊपर के सभी भारतीय लोगों को ये नंबर जारी हो सकता है. यानी ये वोटर्स की पहचान करने वाला एक दस्तावेज है. हर किसी को चुनाव आयोग की तरफ से EPIC नंबर जारी किया जाता है.
- 10 अंकों के इस EPIC नंबर में दो अहम चीजों की जानकारी छिपी होती है.
- EPIC नंबर में शुरुआती तीन शब्दों का मतलब स्टेट कोड होता है, यानी इससे ये पता चलता है कि वोटर किस राज्य से है.
- EPIC नंबर में जो बाकी न्यूमेरिक अंक लिखे होते हैं, वो वोटर की पहचान होते हैं. यानी ये नंबर सिर्फ एक ही व्यक्ति को मिल सकता है.
- जब भी किसी को वोटर आईडी कार्ड में कोई अपडेट करना होता है या फिर डाउनलोड करना होता है तो EPIC नंबर की जरूरत पड़ती है.