बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ( Mangal Pandey) ने कहा है कि कोरोना जांच घोटाले में किसी को बख्शा नहीं जायेगा. इंडियन एक्सप्रेस अख़बार द्वारा छापे गए ख़बरों पर संज्ञान लेते हुए पांडे ने कहा कि जो भी ख़बरें छप रही है उसके हर बिंदु की जांच का आदेश दे दिया गया है और इस संबंध में कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा और उसके ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि मंगल पांडे ने NDTV इंडिया से बातचीत में ये भी दावा किया कि अख़बार में छपे कई ऐसे नाम हैं जिनके बारे में जांच कराने पर पाया गया कि उनकी जांच हुई हैं. लेकिन उनसे जब ऐंटिजन जांच के सम्बंध में फ़र्ज़ी नाम और मोबाइल नम्बर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फ़िलहाल जांच की रिपोर्ट आ जाने दीजिए अगर कोई दोषी होगा तो उसके ख़िलाफ़ कारवाई होगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि अगर कोई गड़बड़ी हुई हैं तो नीचे के स्तर पर हुई हैं लेकिन घोटाला हुआ हैं ये कहना फ़िलहाल ग़लत हैं .
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से जब ये पूछा गया कि आख़िर केंद्र सरकार द्वारा बार बार राज्य सरकार को ऐंटिजन टेस्ट कम कर आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने की सलाह दी गयी लेकिन उसके बाबजूद रैपिड टेस्टिंग में बिहार में एक रिकॉर्ड क़ायम किया गया जो कोरोना की रोकथाम में लगे लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रहा था. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने इस सवाल को टालते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं हो सकता है.देश के सभी राज्यों में इसी तरह से जांच हुए हैं.
इस बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर आक्रामक रूख अपनाते हुए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे और अपना ढाई महीने पूर्व विधान सभा सत्र के दौरान इस घोटाले के सम्बंध में जो आशंका व्यक्त की थी उसका वीडीओ जारी किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने पहले ही बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी की थी. जब हमने घोटाले का डेटा सार्वजनिक किया था तो CM ने हमेशा की तरह नकार दिया. इन्होंने अधिकारी बदल एंटीजन का वो “अमृत” मंथन किया कि 7 दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हज़ार से 1 लाख और 25 दिनों में 2 लाख पार करा दिया.