महाराष्ट्र में बागी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार की गठन के बाद महाविकास आधाड़ी ने फिर एक बार शिवसेना के 39 बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. महाविकास अघाड़ी की ओर से एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें ये मांग की गई है कि कोर्ट सभी बागी विधायकों को विधानसभा आने से रोके. कहा गया है कि वैसे विधायक जिनके खिलाफ अभी सुनवाई चल रही है या बाकी है, उनके विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया जाए. इधर, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है.
'अनुमति नहीं दी जानी चाहिए'
सत्ता से बेदखल होने के बाद एमवीए ने कहा, " बागी विधायक जो बीजेपी के मोहरे के रूप में काम कर रहे हैं. साथ ही जो दलबदल का संवैधानिक पाप कर रहे हैं, उन्हें विधानसभा के सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति देकर एक दिन के लिए भी अपने पाप को कायम रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए."
राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने की तैयारी
उद्धव खेमे द्वारा तर्क दिया गया है कि टीम एकनाथ द्वारा किए गए बगावत के बावजूद शिवसेना उद्धव ठाकरे की ही है. उन्हें 23 जून को शिवसेना के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, जब शिवसेना के संगठनात्मक चुनाव हुए थे. वहीं, 27 जून को चुनाव आयोग को इस बाबत विधिवत सूचित किया गया था. ऐसे में अब उद्धव झुकने के मूड में नहीं हैं. वे एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
उद्धव खेमे ने कहा कि केवल फ्लोर टेस्ट निर्धारित था. ऐसे में अयोग्यता को लेकर 12 जुलाई तक कोई निर्णय नहीं होना चाहिए. वहीं, जब तक अयोग्यता का फैसला नहीं हो जाता, उन्हें निलंबित रखें. उद्धव खेमे की ओर से वकील सिबब्ल ने कहा कि अभी तक बागी गुट ने किसी तरह का कोई विलय नहीं किया है. ऐसे में मूल गुट का फैसला चुनाव आयोग ही कर सकता है. इस पर एससी ने कहा कि वो मुख्य केस में इस मुद्दे को कंसिडर करेंगे.
उद्धव ठाकरे के फैसले को पलटने की तैयारी
मिली जानकारी अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा का अधिवेशन अब रविवार और सोमवार को होगा. शनिवार को अध्यक्ष पद का नॉमिनेशन भरा जाएगा. वहीं, सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा. गौरतलब है कि एमवीए का ये कदम तब सामने आया है जब सत्ता पलट के बाद महाराष्ट्र की गद्दी संभालने वाले एकनाथ शिंदे ने बतौर मुख्यमंत्री फैसला लेना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो वे उद्धव सरकार के आरे में मेट्रोकार शेड नहीं बनाने को लेकर किए गए फैसले को पलटने की तैयारी में हैं.
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