तमिलनाडु : राज्‍यपाल को धमकी देने वाला DMK नेता पार्टी से सस्‍पेंड

शिवाजी कृष्‍णमूर्ति की इस टिप्पणी से पार्टी ने खुद को दूर कर लिया है और कहा है कि पार्टी राज्यपाल का सम्मान करती है और घृणित टिप्पणी एक शख्‍स की निजी टिप्‍पणी है. 

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भाजपा ने डीएमके नेता की टिप्पणियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
चेन्नई:

तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके के एक सदस्य को राज्‍यपाल आरएन रवि को सार्वजनिक रूप से गाली और धमकी देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. राज्‍यपाल और राज्‍य सरकार के बीच चल रहे विवाद के बीच इस सप्‍ताह विधानसभा में एक भाषण को लेकर विवाद अलग स्‍तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद पार्टी की एक सभा में शिवाजी कृष्णमूर्ति ने भाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ने के लिए राज्‍यपाल के खिलाफ जमकर जुबानी हमला बोला था. परंपरा के अनुसार, यह भाषण राज्य सरकार की ओर से लिखा गया था और इसमें बीआर अंबेडकर और पेरियार जैसे नेताओं से जुड़े संदर्भों को राज्‍यपाल ने नहीं पढ़ा था. 

डीएमके सदस्य ने कहा था कि अगर राज्यपाल आरएन रवि अंबेडकर का नाम नहीं ले सकते हैं तो उन्हें कश्मीर चले जाना चाहिए ताकि चरमपंथियों द्वारा उनकी हत्या कर दी जाए.

डीएमके नेता शिवाजी कृष्‍णमूर्ति ने कहा, "अगर यह आदमी तमिलनाडु में अंबेडकर के नाम का उच्चारण करने से इनकार करता है, मेरे पूर्वज जिन्होंने भारत को संविधान दिया, तो क्या मुझे उसे चप्पल से मारने का अधिकार है या नहीं? क्या आपने संविधान के नाम पर शपथ नहीं ली? क्या यह अंबेडकर मेरे दादाजी नहीं थे, जिन्होंने इसे लिखा था? यदि आप उनका नाम नहीं लेंगे तो आप कश्मीर चले जाएं. हम खुद एक चरमपंथी को भेजेंगे. उसे गोली मारने दो." 

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हालांकि डीएमके ने उनकी इस टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया है और कहा है कि पार्टी राज्यपाल का सम्मान करती है और घृणित टिप्पणी एक शख्‍स की निजी टिप्‍पणी है. 

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भाजपा ने इन टिप्पणियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही भाजपा ने कृष्णमूर्ति को डीएमके के प्रसिद्ध गाली देने वाला बताते हुए कहा कि यह आश्चर्य है कि क्या डीएमके के संबंध आतंकवादी से हैं.  

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भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा और उन्हें 'नई संस्कृति' के लिए जिम्मेदार ठहराया. 

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायणन त्रिपाठी ने कृष्णमूर्ति की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "उसे एनआईए जांच के दायरे में रखा जाना चाहिए क्योंकि उसने कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल रवि को मारने के लिए आतंकवादियों को भेजेगा." भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके हमेशा 'अपमानजनक' राजनीति में शामिल रही है. अन्नामलाई ने कहा, "उन्होंने हमेशा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं को गाली दी है. हमने तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए तमिलनाडु के डीजीपी को पत्र लिखा है. पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं. स्थानीय डीएमके नेता पुलिस थानों को अपना कार्यालय मानते हैं." 

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राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच ताजा विवाद सोमवार को राज्यपाल एन रवि के विधानसभा से चले जाने के बाद शुरू हुआ, जब विधानसभा ने केवल राज्यपाल के मूल भाषण को रिकॉर्ड करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसे राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया था और जो कथित तौर पर अध्यक्ष द्वारा स्‍वीकृत किया गया था. आरएन रवि आवेश में राष्ट्रगान की प्रतीक्षा किए बिना चले गए थे, जिसे बाद में गाया गया. 

राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था, जिसमें धर्मनिरपेक्षता को लेकर तमिलनाडु को शांति का स्वर्ग बताया गया था और पेरियार, बीआर अंबेडकर, के कामराज, सीएन अन्नादुरई और करुणानिधि जैसे नेताओं का उल्लेख किया गया था. बाद में मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश किया. राज्‍यपाल ने उस 'द्रविड़ियन मॉडल' के संदर्भ को भी नहीं पढ़ा, जिसे सत्तारूढ़ डीएमके बढ़ावा देती है. 

एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई "विधानसभा की परंपराओं के खिलाफ" थी. 

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