तमिलनाडु में ‘कैश फॉर जॉब्स’ घोटाला: ED का दावा -25 से 35 लाख रुपये लेकर दी गई सरकारी नौकरियां

तमिलनाडु में सरकारी नौकरी के बदले 25 से 35 लाख रुपये लेने का आरोप, ईडी ने 232 पन्नों की रिपोर्ट पुलिस को सौंपी. 150 फर्जी उम्मीदवारों के नाम उजागर होने से राजनीतिक हलचल तेज.

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  • नगर प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग की 2,538 सरकारी पदों पर भर्ती में भारी रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ है
  • उम्मीदवारों से 25 से 35 लाख रुपये की रिश्वत ली गई, जिसका पता ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच में लगाया है
  • भर्ती प्रक्रिया में अन्ना यूनिवर्सिटी की परीक्षा में भी धांधली कर कम पास करवाया गया
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नई दिल्ली:

तमिलनाडु में सरकारी नौकरी के बदले नकद वसूली का एक बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य पुलिस को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, जिसमें नगर प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग (MAWS) की 2,538 पदों पर हुई भर्ती में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. एजेंसी के मुताबिक, इन पदों के लिए प्रत्येक उम्मीदवार से 25 से 35 लाख रुपये तक की रिश्वत ली गई. यह खुलासा ED ने एक मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान किया, जो True Value Homes (TVH) नामक कंपनी से जुड़ा है. यह कंपनी कथित रूप से राज्य के MAWS मंत्री के.एन. नेहरू के भाई एन. रविचंद्रन से जुड़ी बताई जा रही है.

ईडी ने कहा कि ये भर्तियां अगस्त 2025 में हुई थीं और नियुक्ति पत्र खुद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 6 अगस्त को वितरित किए थे. रिपोर्ट के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में न केवल वित्तीय अनियमितताएं हुईं, बल्कि अन्ना यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षा में भी धांधली की गई.

एजेंसी का दावा है कि कुछ “राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों” ने परीक्षा परिणामों में हस्तक्षेप कर कम से कम 150 उम्मीदवारों को फर्जी तरीके से पास करवाया. इन उम्मीदवारों को बाद में सरकारी पदों पर नियुक्त किया गया.ईडी ने 232 पन्नों की रिपोर्ट (डॉसियर) तमिलनाडु पुलिस प्रमुख को सौंपी है, जिसमें यह विस्तार से बताया गया है. रिश्वत किससे ली गई, पैसे किसके जरिए पहुंचे, किन उम्मीदवारों को फायदा मिला और परीक्षा प्रक्रिया में कहां गड़बड़ी की गई. 

रिपोर्ट में 150 उम्मीदवारों के नाम और उनकी संदिग्ध मेरिट का पूरा विवरण शामिल है. ईडी ने यह पत्र PMLA की धारा 66(2) के तहत भेजा है और पुलिस से इस मामले में आपराधिक जांच शुरू करने को कहा है. भर्ती प्रक्रिया जनवरी 2024 में शुरू हुई थी और करीब 1.12 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. पदों में असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, टाउन प्लानिंग ऑफिसर और सेनेटरी इंस्पेक्टर शामिल थे. अगर ईडी के आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला तमिलनाडु के इतिहास के सबसे बड़े “कैश फॉर जॉब्स” घोटालों में से एक साबित हो सकता है और राज्य की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है.

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