पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने सोमवार को कहा कि इस्लाम परिवार नियोजन की अवधारणा का विरोधी नहीं है और आबादी के लिहाज से मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को पीछे छोड़ने जैसी बातें केवल ''दुष्प्रचार'' है. इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में कुरैशी की पुस्तक ' द पॉपुलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया' पर परिचर्चा के दौरान पूर्व निर्वाचन आयुक्त ने दावा किया कि भारत में मुसलमानों की आबादी को लेकर कई तरह के मिथक फैलाए जा रहे हैं, जिसके कारण हिंदुओं के बीच मुसलमानों को लेकर शत्रुता का भाव पैदा हो रहा है.
भारत में मुस्लिम आबादी संबंधी मिथकों की सूची का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा दर्शाया जाता है कि मुसलमान कई बच्चे पैदा करते हैं और जनसंख्या विस्फोट के लिए केवल वे ही जिम्मेदार हैं.
कुरैशी ने कहा, "हां, मुसलमान परिवार नियोजन के सबसे निचले स्तर पर हैं- केवल 45.3 फीसदी. उनकी कुल प्रजनन दर 2.61 है जोकि उच्चतम है. हालांकि, तथ्य यह है कि हिंदू भी बहुत पीछे नहीं हैं और वे परिवार नियोजन के मामले में 54.4 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर हैं तथा कुल प्रजनन दर 2.13 है. इन तथ्यों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है."
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