तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- तिरुपति लड्डू विवाद थमता नहीं दिख रहा है. इस विवाद को बढ़ता देख अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा दखल दिया है. इस मामले की जांच के लिए नई स्वतंत्र SIT एसआईटी का गठन किया गया है. जिसका मतलब ये हुआ कि अब राज्य की SIT इस मामले की जांच नहीं करेगी.
- सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से मदद मांगी थी कि क्या राज्य सरकार की SIT काफी है या किसी और को नए सिरे से जांच करनी चाहिए? सॉलिसिटर जनरल को कोर्ट को ये बताना था कि राज्य सरकार की SIT इस मामले की जांच के लिए पर्याप्त है या कोई और एजेंसी जांच करे.
- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को ये सुझाव दिया कि एसआईटी जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाए. इसलिए अब नई एसआईटी सीबीआई की निगरानी में अपनी जांच करेगी.
- कोर्ट ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि हमने आरोप-प्रत्यारोप में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. हम अदालत को राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होने देंगे. इस मामले की जांच करने वाली SIT में सीबीआई, राज्य पुलिस और FSSAI के अफसर होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा करोड़ों भक्तों की आस्था के चलते लिया ये फैसला लिया गया.
- इस मामले की जांच सीबीआई निदेशक की निगरानी में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच के लिए स्वतंत्र जांच एजेंसी ( SIT) से कराई जानी चाहिए. जिसमें 2 CBI के आधिकारी, 2 राज्य सरकार के अधिकारी और एक अधिकारी FSSAI से हो.
- SG तुषार मेहता ने कहा कि मैंने इस मामले की जांच की है. एक बात तो साफ है कि अगर इस आरोप में कोई सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है. भक्त पूरे देश में हैं और ये खाद्य सुरक्षा का भी मामला है. मुझे SIT के सदस्यों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली. SIT की निगरानी वरिष्ठ अफसर करें, इससे भरोसा बढ़ेगा.
- तुषार मेहता ने कहा कि SIT की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है और हम चाहते हैं कि सेंट्रल पुलिस फोर्स के किसी सीनियर अधिकारी को जांच की निगरानी सौंप दी जाए. वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले की निष्पक्ष बॉडी से जांच हो. कल एक और बयान दिया गया था. अगर सीएम ने बयान नहीं दिया होता तो यह अलग मामला था. एक निष्पक्ष स्वतंत्र जांच का आदेश दिया जाना चाहिए.
- कपिल सिब्बल ने मांग की कि कोर्ट इस मामले की जांच का जिम्मा SIT के बजाए किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौप दें. TTD के लिए सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि 4 जुलाई तक जो आया, उसकी जांच नहीं की गई. लेकिन 6 और 12 जुलाई को जो पहुंचा, वह दागदार था. कपिल सिब्बल ने कहा कि आपने उन्हें पहाड़ी पर जाने की अनुमति क्यों दी.. आप प्रभारी थे. लूथरा कहा कि लेकिन टेंडर आपने दिया था.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीति करोड़ों लोगों की आस्था पर हावी हो रही है. सीबीआई से 2, राज्य सरकार से 2 और FSSAI से 1 अफसर लेकर स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. अगर जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों में कोई दम है, तो यह एक "गंभीर मुद्दा" है. ये करोडों लोगो की आस्था का मामला है, हम नहीं चाहते कि ये सियासी ड्रामा बन जाए.
- इससे पहले जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने तिरुपति लड्डू विवाद मामले पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखें. SIT रिपोर्ट आने से पहले ही प्रेस के पास क्यों गए? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्यमंत्री से कहा कि आप संवैधानिक पद पर हैं. आपको SIT के निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए था.
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