हरियाणा के करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज (Lathi Charge on Farmers) का मुद्दा गरमाता जा रहा है. विपक्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) से इस्तीफे की मांग कर रहा है. इस बीच, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सोमवार को प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए दिखाई दिए. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि अधिकारी के "शब्दों का चयन" सही नहीं था. बता दें कि एसडीएम का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह पुलिसकर्मियों को किसानों पर बल प्रयोग करने का निर्देश दे रहे थे. यह वीडियो वायरल हुआ और इस पर आक्रोश भी जताया गया.
मुख्यमंत्री खट्टर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यद्यपि अधिकारी ने जिन शब्दों का चयन किया, वो सही नहीं थे, लेकिन कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सख्ती बरती जानी चाहिए."
उन्होंने कहा, "अगर कोई कार्रवाई (अधिकारी के खिलाफ) करनी है, तो पहले जिला प्रशासन द्वारा इसका आकलन करेगा. पुलिस महानिदेशक इसे देख रहे हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सख्ती सुनिश्चित करनी होगी.
शनिवार को हुए लाठीचार्ज के बाद करीब 10 लोग घायल हो गए थे. एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी. हालांकि, बाद में पुलिस ने कहा कि व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है.
बता दें कि भाजपा की एक बैठक के विरोध में हरियाणा के करनाल की ओर जा रहे किसानों के एक समूह पर राज्य पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया. जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
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वीडियो में, करनाल के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा पुलिसकर्मियों के एक समूह के सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं और उन्हें निर्देश दे रहे हैं कि कोई भी विरोध करने वाला किसान क्षेत्र में एक निश्चित बैरिकेड से आगे न जाए.
"यह बहुत सरल और स्पष्ट है, वह कोई भी हो, चाहे वह कहीं से भी हो, किसी को भी वहां पहुंचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम किसी भी कीमत पर इस रेखा को नहीं टूटने देंगे. बस अपनी लाठी उठाओ और उन्हें जोर से मारो ... यह बहुत स्पष्ट है, किसी भी निर्देश की कोई आवश्यकता नहीं है, बस उन्हें जोर से पीटें. अगर मैं यहां एक भी प्रदर्शनकारी को देखता हूं, तो मैं उनके सिर फोड़ते देखना चाहता हूं.
"कोई शक?" अंत में एसडीएम ने कहा.
"नहीं सर," पुलिसकर्मियों ने बुलंद आवाज में कहा.
करनाल में पुलिस कार्रवाई की खबर सुनते ही अन्य जिलों के किसान भी बड़ी संख्या में निकल आए और एकजुट होकर राजमार्ग जाम कर दिया था. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किसानों से सड़क जाम का आह्वान किया था.
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