प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'फेक ट्वीट' केस में ज़मानत मिल जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता साकेत गोखले को दोबारा गिरफ़्तार कर लिए जाने पर TMC के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने चुनाव आयोग पर 'नज़रें फेर लेने' का आरोप लगाया है, जब गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान BJP के मुख्यमंत्री तथा अभिनेता से नेता बने BJP सांसद 'साम्प्रदायिक कड़वाहट फैला' रहे थे. उन्होंने यह भी कहा, "इसीलिए कतई हैरानी नहीं होती, जब सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि चुनाव आयोग 'चमचा' है..."
डेरेक ओ'ब्रायन ने चुनाव आयोग पर साकेत गोखले को उस वक्त 'गिरफ़्तार' करने का आरोप लगाया, जब वह गुजरात पुलिस द्वारा दायर किए गए केस में ज़मानत मिल जाने के बाद एयरपोर्ट जा रहे थे, जबकि BJP नेताओं की हेट स्पीच को नज़रअंदाज़ कर दिया गया.
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "BJP के CM तथा अभिनेता से नेता बने BJP सांसद गुजरात चुनाव में साम्प्रदायिक कड़वाहट फैलाते हैं... चुनाव आयोग क्या करता है...? नज़रें फेर लेता है... @AITCofficial के @SaketGokhale को गुजरात पुलिस द्वारा दायर एक केस में ज़मानत मिल जाती है, और वह एयरपोर्ट जा रहे हैं... चुनाव आयोग क्या करता है...? उन्हें गिरफ़्तार कर लेता है... कोई हैरानी नहीं, सुप्रीम कोर्ट को लगता है, चुनाव आयोग चमचा है..."
हालांकि TMC नेता ने BJP नेताओं के नाम नहीं लिए, उनका निशाना संभवतः असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा तथा बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल थे. सरमा ने 'लव जिहाद' और अपनी लिव-इन गर्लफ्रेंड की नृशंस हत्या के आरोप आफ़ताब अमीन पूनावाला पर टिप्पणी की थी, जिन पर आरोप लगे थे कि गुजरात चुनाव के चलते इस मुद्दे का सम्प्रदायीकरण किया जा रहा है. परेश रावल को भी गुजरात चुनाव के दौरान एक रैली में बंगालियों को लेकर की गई टिप्पणी के कारण सवाल-जवाब के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा बुलाया गया.
इस बीच, हमारे संवाददाता राजीव रंजन के अनुसार, साकेत गोखले की गिरफ्तारी पर TMC के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा, "साकेत की गिरफ्तारी गलत हुई है और उन्हें जानबूझकर गिरफ्तार किया गया है... उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत परेशान किया जा रहा है... हमारे नेता वहां गए हुए हैं और हम कोर्ट में अपील भी करेंगे..."