‘स्टार्टअप इंडिया’ प्रधानमंत्री के लिए प्रचार पाने का साधन बना: मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, “क्या यह सच है कि सिर्फ बीते दो साल में स्टार्टअप में काम करने वाले एक लाख लोगों ने अपनी नौकारियां गंवा दी हैं? हम उन पर कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभाव की गिनती तक नहीं कर रहे हैं. इसमें हैरत की बात नहीं है कि स्टार्टअप का वित्तपोषण पांच साल में सबसे कम है.”

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के लिए ‘स्टार्टअप इंडिया' प्रचार पाने का एक साधन बन गया है और नरेन्द्र मोदी सरकार ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस' का ढोल पीट रही है जबकि यह अपेक्षित नतीजे देने में विफल रहा है. खरगे ने यह भी पूछा कि सरकार ने देश के मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में से 97.5 फीसदी को कर लाभ क्यों नहीं दिए.

कांग्रेस प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, “मोदी सरकार ढोल पीट रही है और हमसे राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाने के लिए कह रही है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2016 में ‘स्टार्टअप इंडिया' की शुरुआत किए जाने के बाद से ही हमारे स्टार्टअप उद्यमियों, सर्जनात्मक लोगों और हमारे बेरोज़गार युवाओं को निराशाजनक स्थिति में पहुंचा दिया गया.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन सवाल पूछना चाहती है -- “ भाजपा ने 2019 के अपने घोषणापत्र में ‘स्टार्टअप सीड फंड' के लिए 20,000 करोड़ रुपये का वादा किया. उसका क्या हुआ? सच्चाई: उन्होंने इसके लिए मात्र 525.27 करोड़ रुपये मंजूर किए और यह भी 2021-22 से शुरू होने वाली चार साल की अवधि के लिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, “क्या यह सच है कि सिर्फ बीते दो साल में स्टार्टअप में काम करने वाले एक लाख लोगों ने अपनी नौकारियां गंवा दी हैं? हम उन पर कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभाव की गिनती तक नहीं कर रहे हैं. इसमें हैरत की बात नहीं है कि स्टार्टअप का वित्तपोषण पांच साल में सबसे कम है.”

उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार ने देश के मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में से 97.5 फीसदी को कर लाभ क्यों नहीं दिए. खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार ने लगभग हर बजट में वादा करने के बावजूद सिर्फ 2,975 स्टार्टअप को किसी तरह का कर लाभ दिया.

उन्होंने कहा, “ ‘स्टार्टअप इंडिया' प्रधानमंत्री के लिए प्रचार हासिल करने का साधन बन गया है और यह अपेक्षित परिणाम नहीं दे सका है.” खरगे ने पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें कहा गया, “मोदी सरकार का स्टार्टअप इंडिया ‘नॉन-स्टार्टर' बना हुआ है.”

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प्रधानमंत्री मोदी ने 16 जनवरी 2016 को ‘स्टार्टअप इंडिया' पहल की शुरुआत की थी. इसका मकसद नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत ‘इकोसिस्टम' खड़ा करना और देश में स्टार्टअप ‘इकोसिस्टम' में निवेश को बढ़ावा देना था. मोदी ने 16 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस घोषित किया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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