उत्तराखंड: 5 लाख रुपये की मदद,  सुरक्षा पर सवाल... जानें कैसे हुआ मनसा देवी मंदिर में इतना बड़ा हादसा 

उत्तराखंड स्थित मनसा देवी ट्रस्‍ट मंदिर रविवार को फिर से खोल दिया गया है. ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष महंत र‍वींद्र पुरी ने उन खबरों को खारिज कर दिया है जिसमें बिजली का तार टूटने की अफवाह की बात है.

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  • उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ हुई जिसमें छह लोगों की मौत हो गई है.
  • मंदिर के महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हादसा बिजली के तार टूटने से नहीं बल्कि भीड़ में किसी के फिसलने से हुआ.
  • सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हादसे की जिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया और पीड़‍ितों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.
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देहरादून:

उत्तराखंड स्थित मनसा देवी ट्रस्‍ट मंदिर रविवार को फिर से खोल दिया गया है. वहीं ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष महंत र‍वींद्र पुरी ने उन खबरों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि हादसा बिजली का तार टूटने की अफवाह के चलते हुआ है. उनका कहना था कि भगदड़ मंदिर के अंदर किसी के फिसलकर गिरने की वजह से मची है. रविवार को सुबह हरिद्वार में स्थित इस मंदिर में हुई भगदड़ में  कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है जबकि 45 लोग इसमें घायल हैं. मृतकों में चार उत्तर प्रदेश ,एक बिहार और एक उत्तराखंड का निवासी है. 

करंट लगने की घटना नहीं  

महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'यह बिजली का करंट लगने की घटना नहीं है और ऐसा होने के कोई संकेत नहीं हैं. हम पीड़ित परिवारों की सहायता करेंगे.' उन्‍होंने कहा कि यह घटना तब हुई जब यहां भारी भीड़ जमा हो गई थी, पुलिस को जानकारी दी गई थी, बैरिकेड्स लगाए गए थे, लेकिन फिर भी भीड़ आ गई और कोई फिसल गया, जिसके कारण यह पूरी घटना घटी.' उन्‍होंने आगे बताया, 'मनसा देवी मंदिर तक जाने के तीन रास्ते हैं - रोपवे, गाड़‍ियों का  रास्ता और हर की पौड़ी से सीधा एक पुराना, यहां भारी भीड़ जमा होने पर पुलिस को सूचित किया गया, बैरिकेड्स लगाए गए, लेकिन फिर भी भीड़ ऊपर आ गई और एक व्यक्ति फिसल गया, जिसके कारण यह पूरी घटना घटी.' 

एम्‍स ऋषिकेश में घायलों का इलाज   

राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि इस घटना में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और 23 अन्य को मामूली चोटें आई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के जिला अस्पताल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की. घायलों का इलाज चल रहा है और कुछ को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है. सरकार के अनुसा उसकी प्राथमिकता है घायलों को अच्छा इलाज मुहैया कराने की है ताकि वो जल्द ठीक हो जाएं. एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया गया है. सीएम धामी ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं और मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की गई है. 

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दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर, हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट को घटना की मजिस्ट्रेटी जांच करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा, सीएमओ ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की जा रही है. सीएम धामी ने कहा, 'एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है जिसमें मनसा देवी मंदिर में एक अफवाह के कारण मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं. मजिस्ट्रेट की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है और बचाव अभियान जारी है जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.' 

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क्‍या बोले डीएम 

इस बीच, उत्तराखंड के मंत्री गणेश जोशी ने कहा, 'गंभीर रूप से घायल 14 लोगों को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है और बाकी का का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. मैंने उनसे मुलाकात की है और वो ठीक हैं. सरकार पीड़ितों को पूरी मदद दे रही है. विस्तृत जांच होने तक कोई निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा.' वहीं हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित ने कहा, 'हमें तस्वीरों और वीडियो के जरिए पता चला है कि किसी ने बिजली का तार टूटने की अफवाह फैलाई थी. घायलों या मृतकों को देखते हुए हमें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला. हम जांच करेंगे कि अफवाह किसने फैलाई.' 

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यूपी के सीएम ने जताया शोक

वहीं उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने भी हादसे पर शोक जताया है. उन्‍होंने कहा, 'हरिद्वार स्थित श्री मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में श्रद्धालुओं के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक और मन को व्यथित करने वाला है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. अधिकारियों को उत्तराखंड सरकार से समन्वय स्थापित कर दुर्घटना में काल-कवलित हुए उ.प्र. के नागरिकों के पार्थिव शरीर उनके गृह जनपद पहुंचाकर परिजनों को सौंपने के निर्देश दिए हैं.'  

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इसके बाद उन्‍होंने कहा, 'इस दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक मृतक के परिवार को @UPGovt की तरफ से 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. वहीं मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पूरी ने कहा कि इस दुखद घटना में मृतकों के परिजनों के 5-5 लाख तथा घायलों को 1-1  लाख रुपये मनसा देवी ट्रस्ट की तरफ से दिए जाएंगे. मृतक के परिजनों और घायलों को उनके घर तक ले जाने के लिए ट्रस्ट की तरफ से वाहन का इंतजाम किया जाएगा. 

व्‍यवस्‍थाओं पर खड़े हुए सवाल 

उत्तराखंड के हरिद्वार में शिवालिक पहाड़ियों पर 500 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित सिद्ध पीठ मां मनसा देवी मंदिर के रास्ते पर रविवार को मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े किए हैं.  स्थानीय लोगों का मानना है कि एक तो सावन का महीना और उस पर रविवार का दिन होने के कारण श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने की संभावना के बावजूद मंदिर मार्ग पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के कोई इंतजाम नहीं थे जिसका परिणाम हादसे के रूप में सामने आया. 

इसी बीच भीड़ में बिजली का करंट आने की अफवाह फैली तो वहां भगदड़ मच गयी और लोग एक दूसरे पर गिरते चले गए. रास्ता संकरा होने की वजह से लोगों को बचने की कोई जगह नहीं मिली. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि रास्ते में लगे बिजली के मीटर के पास शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारी निकली जिससे लोगों में दहशत फैल गई और उन्होंने भागना शुरू कर दिया.  भगदड़ के बाद उस स्थान पर चारों ओर श्रद्धालुओं का सामान, प्रसाद, माता को अर्पित की जाने वाली चुनरियां बिखरी पड़ी हैं जो हादसे की गवाही दे रही हैं. 

लोगों के ऊपर से गुजर रही थी भीड़ 

भगदड़ में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती बिहार के बडियारपुर निवासी अजय कुमार (19) ने बताया कि वह भीड़ के बीच मंदिर की ओर बढ़ रहे थे कि अचानक ही उनके आगे चल रहे लोग भागना शुरू हो गए और फिर गिरने लगे. अजय ने कहा, ''मैं भी भीड़ में था, भगदड़ में मैं भी गिर गया और मेरा पैर टूट गया.' 

मंदिर में दर्शन के लिए जा रहीं बरेली के शीशगढ़ की रहने वाली 30 वर्षीय निर्मला देवी भी भगदड़ में घायल हो गईं. हादसे को याद करते हुए निर्मला ने कहा कि मंदिर जा रहे और वहां से आ रहे लोग अचानक ही एक-दूसरे से भिड़ गए और गिरने लगे. एक और प्रत्यक्षदर्शी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वह ऊपर से लोगों को आते-जाते देख रहे थे कि अचानक से ही वहां लोग गिरने लगे. महेंद्र ने बताया कि उन्होंने देखा कि कई लोग नीचे गिरे हुए थे जो चिल्ला रहे थे और भीड़ उनके ऊपर से गुजर रही थी. 

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