स्टालिन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी से कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की

DMK नेता एमके स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु पहले ऐसे राज्यों में रहा है, जिसने किसानों का कर्ज माफ किया और उन्हें मुफ्त बिजली दी. यही वक्त है कि राज्य कृषि कानूनों के खिलाफ भी एकजुटता दिखाए.

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स्टालिन ने कहा कि केरल ने भी गुरुवार को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है
चेन्नई:

तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (DMK) के प्रमुख एमके स्टालिन (MK Stalin) ने मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी (Tamil Nadu Chief Minister Palaniswami) को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा सके. डीएमके नेता ने कहा कि तमिलनाडु देश के पहले ऐसे राज्यों में रहा है, जिसने किसानों का कर्ज माफ किया और उन्हें मुफ्त बिजली दी. यही वक्त है कि राज्य कृषि कानूनों के खिलाफ भी एकजुटता दिखाए.

स्टालिन ने लिखा, केंद्र के इन तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ तमिलनाडु (Tamil Nadu) विधानसभा में प्रस्ताव जरूर पारित कराया जाना चाहिए. तमिलनाडु को किसानों के साथ बिना किसी भेदभाव के साथ एकजुटता से खड़े रहना है और उनकी मांगों का समर्थन भी करना है. डीएमके प्रमुख ने कहा कि केरल ने भी गुरुवार को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. पंजाब भी ऐसा कर चुका है. इससे पहले डीएमके और उसके सहयोगी दलों ने 18 दिसंबर को किसानों के समर्थन में चेन्नई में एक दिन का उपवास रखा था. गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान 26 नवंबर से आंदोलनरत हैं. किसान कांट्रैक्ट फार्मिंग, भंडारण से जुड़े आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म करने और निजी मंडियों को इजाजत देने से जुड़े प्रावधान वाले कानूनों का विरोध कर रहे हैं.

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