दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट की बड़ी लापरवाही, बस नहीं मिली तो टरमैक पर पैदल चले यात्री: रिपोर्ट

सूत्रों के अनुसार स्पाइसजेट की हैदराबाद-दिल्ली फ्लाइट के यात्रियों को फ्लाइट के लैंड होने के बाद करीब 45 मिनट तक बस का इंतजार करना पड़ा लेकिन जब कोई बस नहीं आई तो यात्री टरमैक से टर्मिनल तक चलकर गए.

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स्पाइसजेट फ्लाइट से आए यात्रियों को हुई असुविधा
नई दिल्ली:

दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट एयरलाइंस की लापरवाही का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा. पीटीआई सूत्रों के अनुसार यात्रियों को फ्लाइट के लैंड करने के बाद टर्मिनल तक जाने के लिए टरमैक पर पैदल चलकर आना पड़ा है, जबकि विमान के लैंड होने के बाद टर्मिनल तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की जाती है. घटना दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की है. सूत्रों के अनुसार स्पाइसजेट की हैदराबाद-दिल्ली फ्लाइट के यात्रियों को फ्लाइट के लैंड होने के बाद करीब 45 मिनट तक बस का इंतजार करना पड़ा लेकिन जब कोई बस नहीं आई तो यात्री टरमैक से टर्मिनल तक चलकर गए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीजीसीए ने इस घटना की जांच कर रही है. 

हालांकि, इस घटना को लेकर स्पाइसजेट का कहना है कि बसों के आने में थोड़ी देरी हुई थी. लेकिन बस आने के बाद सभी यात्रियों को बस पर बिठाकर (इनमें वो यात्री भी शामिल हैं जो टरमैक पर चलना शुरू कर चुके थे) टर्मिनल तक पहुंचाया गया. 

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एयरलाइंस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि हमारे कर्मचारियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद, कुछ यात्रियों ने टर्मिनल की ओर चलना शुरू कर दिया. कोच आने तक वे मुश्किल से कुछ मीटर चल पाए थे. बस के आते ही चलने वाले यात्रियों सहित सभी अन्य यात्रियों को बस में बिठाकर टर्मिनल भवन तक पहुंचा दिया गया. हमने किसी यात्री को दिल्ली एयरपोर्ट के टरमैक एरिया पर चलने नहीं दिया क्योंकि यहां ऐसे पैदल चलना खतरनाक साबित हो सकता था. टरमैक पर वाहनों के आने-जाने के लिए अलग से रास्ता बनाया गया है,लिहाजा हमने यात्री को बस पर बिठाकर टर्मिनल तक छोड़ा. 

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बता दें कि पिछले महीने ही विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने तकनीकी खामी की कई घटनाओं के मद्देनजर स्पाइसजेट को अगले आठ हफ्तों तक गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों में से अधिकतम 50 फीसदी के संचालन करने का आदेश दिया था.जून से स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम आठ घटनाओं को लेकर डीजीसीए ने एयरलाइन को छह जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.इस बीच, डीजीसीए के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए स्‍पाइस जेट ने कहा था कि वह नियामक के निर्देशों के अनुसार काम करेगी. आदेश से हमारी फ्लाइट्स के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

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विमानन नियामक ने अपने आदेश में कहा था कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी पर सीमित की जाती है. हाल के दिनों में किसी एयरलाइन के खिलाफ यह संभवत: सबसे सख्‍त कार्रवाई है. 18 दिनों के अंदर फ्लाइट सेफ्टी से जुड़ी आठ घटनाएं दर्ज की गई थीं.

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