संसद भवन में स्थापित किया गया ऐतिहासिक राजदंड 'सेंगोल' एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल समाजवादी पार्टी के सांसद आर के चौधरी ने संसद से सेंगोल हटाने की मांग की है. सपा सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने संसद भवन में जहां स्पीकर बैठते हैं, वहां सेंगोल स्थापित कर दिया. सेंगोल का हिंदी अर्थ है राजदंड़, जिसका मतलब है राजा का डंडा. इसलिए संसद भवन से सेंगोल को हटाना चाहिए.
सपा सांसद क्यों कर रहे हैं सेंगोल हटाने की मांग
समाजवादी पार्टी के सांसद ने अपने हालिया बयान से सेंगोल पर नई बहस छेड़ दी. आर के चौधरी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में सेंगोल स्थापित कर दिया, जिसका हिंदी अर्थ है राजदंड. इसका मतलब है राजा की छड़ी. अब देश संविधान से चलेगा या फिर राजा के डंडे से चलेगा. इसलिए हमारी ये मांग है कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो संसद भवन से सेंगोल को हटाना है.
सेंगोल को हटाने की मांग पर अखिलेश ने कही ये बात
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे सांसद इसलिए कह रहे होंगे कि जब पहली बार इसे स्थापित किया गया तो तब पीएम ने इसे प्रणाम किया था. लेकिन शपथ लेते हुए इस बार भूल गए, इसलिए ये याद दिलाने के लिए हमारे सांसद ने पत्र लिखा. वहीं सेंगोल पर मेरी राय वही है, जो मैंने अपनी एक्स पोस्ट में जाहिर की थी. आप चाहे तो मेरे अर्काइव से निकालकर उसे हर चैनल पर चला सकते हैं.
संसद भवन में कहां स्थापित किया गया सेंगोल
संसद भवन स्थित लोकसभा चैम्बर में लोकसभा स्पीकर के आसन के निकट ऐतिहासिक राजदंड 'सेंगोल' को स्थापित किया गया है. जिसे नए संसद भवन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए समारोह में स्थापित किया गया था. नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किए जाने से पहले सेंगोल को तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के लगभग 30 पुरोहितों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया था. कहा जाता है, 'सेंगोल' जिसे दिया जाता है, उससे न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है. 'सेंगोल' एक तरह का राजदंड है. 15 अगस्त 1947 की आधी रात को इसे पंडित नेहरू को सौंपा गया था. आइए जानते हैं क्या हैं 'सेंगोल' और भारत के इतिहास में क्यों है इसका महत्व:-
सेंगोल क्या है?
सेंगोल शब्द तमिल शब्द सेम्मई' से आया है, जिसका अर्थ है 'नीतिपरायणता'. सेंगोल एक राजदंड होता है. चांदी के सेंगोल पर सोने की परत चढ़ी होती है. इसके ऊपर भगवान शिव के वाहन नंदी महाराज विराजमान होते हैं.संसद में स्थापित सेंगोल पांच फीट लंबा है. इसे तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक मठ के मुख्य आधीनम (पुरोहितों) का आशीर्वाद प्राप्त है. 1947 के इसी सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया. सेंगोल विशेष अवसरों पर बाहर ले जाया जाएगा, ताकि जनता भी इसके महत्व से रूबरू हो सकें.