चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत को दुनिया के कई देशों से बधाई संदेश मिल रहे हैं. कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत के सहयोग से 25 अगस्त को कोरियाई संस्कृति, खेल और पर्यटन मंत्रालय ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक के-कॉन्सर्ट आयोजित किया. संस्कृति, कला और पर्यटन मंत्रालय में सांस्कृतिक और कला नीति के उप मंत्री यू ब्यूंग चाई और भारत में कोरिया गणराज्य के राजदूत चांग जे बोक ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग की ऐतिहासिक सफलता पर भारत को बधाई दी.
उप मंत्री यू ब्यूंग चाई ने कोरिया और भारत की भावी पीढ़ियों को जोड़ने में कोरियन संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दोनों देशों के युवाओं को बातचीत करने और मित्रता करने के अधिक अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा की के-संस्कृति के माध्यम से कोरिया और भारत को करीब लाने के उद्देश्य से अनेक सांस्कृतिक आदान-प्रदान परियोजनाओं में है.
कार्यक्रम में जॉइंट सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट ऑफ़ युथ अफेयर्स, मिनिस्ट्री ऑफ़ युथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स नितेश कुमार मिश्रा और प्रसार भारती में ग्लोबल आउटरीच के अतिरिक्त महानिदेशक सुनील अतिथि रहे.
नीति के गायन पर कोरियाई राजदूत भी नाचने पर मजबूर
भारतीय गायिका नीति मोहन के गायकी से 2000 सीटों से भरा सभागार मंत्रमुग्ध हो गया, नीति के गायन पर कोरियाई राजदूत भी नाचने पर मजबूर हो गए. नीति ने प्रसिद्ध के-ड्रामा "गार्जियन: द लोनली एंड ग्रेट गॉड" का कोरियाई ट्रैक 'स्टे विद मी' गाकर सभी का उत्साह बढ़ाया. के-पॉप समूह 'मस्टबी' ने अपने प्रदर्शन से माहौल को रोमांचित कर दिया, जिसमें 'नातू नातू' पर उनका नृत्य भी शामिल था, जिसने दर्शकों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित किया. कोरियाई बी-बॉयिंग टीम, HEUNG ने संगीत और डांस का अनूठा प्रदर्शन किया, के-पॉप कवर डांस ग्रुप का भी प्रदर्शन सराहनीय था.
भारत की भावी पीढ़ियों से मिलने के लिए एक 'के-संस्कृति सम्मेलन'
संस्कृति, खेल और पर्यटन मंत्रालय भारत की भावी पीढ़ियों से मिलने के लिए एक 'के-संस्कृति सम्मेलन' का आयोजन भी हुआ. भारतीय छात्र के-पॉप और के-ड्रामा जैसी के-संस्कृति में रुचि के साथ-साथ कोरियाई भाषा सीखना चाहते हैं जिसके अनुसार, भारत में किंग सेजोंग संस्थानों के छात्रों और कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत में के-संस्कृति पाठ्यक्रमों के छात्रों के साथ "कोरियाई भाषा और संस्कृति के साथ मेरा सपना" विषय पर सम्मलेन आयोजित हुआ, जिसमें कोरियाई भाषा और संस्कृति में रुचि लेने के उनके अनुभव, कैसे उनकी रुचि ने कोरियाई-संबंधित करियर पथ की खोज की, और भारत के भीतर के-संस्कृति को फैलाने के लिए विचार शामिल हुए.