कोविड-19 के चलते देश में बढ़ती दुर्दशा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने आज कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक ली, जिसमें उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के पास तैयारी करने के लिए एक साल का वक्त था लेकिन ये दुखद है कि देश आज फिर उसी हालत में है. सोनिया ने देश में मेडिकल ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड और वैक्सीन की कमी को दूर करने की गुहारों के बीच 'पीएम मोदी की चुप्पी' को पर हमला किया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को वैक्सीनेशन की उम्र 25 साल करनी चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यसमिति की ऑनलाइन मीटिंग के बाद कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई ऐसी राष्ट्रीय चुनौती है, जिसे राजनीति के ऊपर रखा जाना चाहिए. 'हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि कोरोना की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है. तैयारी के लिए एक साल होने के बावजूद, दुख है, कि आज हम फिर उसी स्थिति में फंस गए हैं.'
बेड, वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी पर हुईं हमलावर
उन्होंने अस्पतालों में अत्यंत जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर कहा कि 'देशभर में मेडिकल उपकरणों और अस्पतालों में बेड की कमी की खबरें बहुत चिंंताजनक हैं. देशभर से आ रही खबरें बता रही हैं कि कोविड वैक्सीन की कमी चल रही हैं, वहीं कई जगहों पर जीवनरक्षक दवाई रेमडेजिवियर की भी कमी दिख रही है.'
पिछले हफ्ते कांग्रेस-शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के संदर्भ में उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वो इस संकट का आकलन और प्रबंधन करने में नाकाम रही है और बचाव के लिए आगे की तैयारी को लेकर कोई कदम नहीं उठा सकी है.
सोनिया ने कहा कि 'उन्होंने मुख्यमंत्रियों से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उनके मुख्यमंत्रियों ने भी पीएम से बात की और संबंधित मंत्रियों को पत्र लिखे. कुछ राज्यों में बस कुछ दिन के लिए वैक्सीन ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बचे थे लेकिन सरकार चुप्पी साधे है. वहीं कुछ दूसरे राज्यों को इसमें वरीयता दी जा रही है.'
वैक्सीनेशन की उम्र सीमा 25 करने की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘सरकार को टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकता पर पुनर्विचार करना चाहिए और आयुसीमा को घटाकर 25 साल करना चाहिए. अस्थमा, मधुमेह, किडनी और लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित सभी युवाओं को टीका लगाया जाना चाहिए.'
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उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से निपटने के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों और दवाओं को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए और संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने पर गरीबों को प्रति माह छह हजार रुपये की मदद देनी चाहिए. सोनिया ने बड़ी संख्या में लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण के चपेट में आने और रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत होने पर दुख जताया और स्वास्थ्यकर्मियों एवं दूसरे कर्मचारियों को सलाम किया.