'हमारे घर का एक कमरा किसी ने हथिया लिया है...', RSS चीफ मोहन भागवत के बयान के मायने समझिए

संघ प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भीषण हिंसा हुई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. सुरक्षाबलों तथा प्रदर्शनकारियों के बीच हुई तीखी झड़पों में अनेक लोग घायल हुए.

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RSS प्रमुख मोहन भागवत.
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  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के सतना में अखंड भारत की संकल्पना का उल्लेख किया.
  • उन्होंने कहा कि सभी लोग चाहे किसी भी भाषा या संप्रदाय के हों, वे सब एक हैं और हिंदू हैं.
  • उन्होंने सिंधी समुदाय के बंटवारे के बाद अविभाजित भारत आने और अपना घर वापस लेने की बात कही.
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सतना (एमपी):

"हमारे घर का एक कमरा, जिसमें मेरा कुर्सी-टेबल रहता था, उसे किसी ने हथिया लिया है. कल मुझे उसे वापस लेकर फिर से अपना डेरा डालना है." उक्त बातें रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कही. उनका यह बयान अखंड भारत के संकल्प की ओर इशारा करता है. दरअसल रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत मध्य प्रदेश के सतना जिले में थे. जहां उन्होंने एक गुरुद्वारे का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित किया.

हम सब एक हैं, हम सब हिंदू हैं: मोहन भागवत

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि चाहे कोई खुद को किसी भी भाषा या संप्रदाय का माने, लेकिन सच्चाई यह है कि ‘‘हम सब एक हैं, हम सब हिन्दू हैं.'' भागवत ने सतना के सिंधी कैंप स्थित गुरुद्वारा का उद्घाटन करने के बाद स्थानीय बीटीआई मैदान में आयोजित एक सभा को संबोधित किया.

इस अवसर पर उन्होंने अखंड भारत की अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘जो लोग अपना घर और मकान वहां छोड़कर आए हैं, कल वापस लेकर फिर से डेरा डालना है.'

एकता चाहिए, झगड़ा क्यों हैः मोहन भागवत

संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘आज हम लोगों की स्थिति ऐसी है कि हम एक टूटा हुआ आईना देखकर अपने आपको अलग मान रहे हैं. एकता चाहिए... झगड़ा क्यों है? चाहे हम अपने आप को किसी भी भाषा या संप्रदाय का कहें लेकिन यह सत्य है कि हम सब एक हैं. हम सब लोग हिन्दू हैं.''

अंग्रेजों ने हमसे आध्यात्मिकता का दर्पण छीन लियाः मोहन भागवत

भागवत ने कहा कि एक चतुर अंग्रेज यहां आया, हमसे लड़ाई की, हमें हराकर हम पर राज किया. उन्होंने कहा, ‘‘उसने हमारे हाथ से आध्यात्मिकता का दर्पण छीन लिया और उसकी जगह भौतिकवाद का टूटा हुआ दर्पण थमा दिया. तब से हम खुद को अलग-अलग मानने लगे और छोटी-छोटी बातों पर झगड़ने लगे.”

जिन लोगों ने अपना घर छोड़ा, उसे वापस लेकर फिर डेरा डालना हैः भागवत

उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि बंटवारे के समय सिंधी समुदाय के लोग पाकिस्तान नहीं गए, बल्कि वे अविभाजित भारत आए. उन्होंने कहा, “जो लोग अपना घर छोड़कर आए हैं, और जिनका घर, कपड़े और जमीन हड़प ली गई, उन्हें कल वापस लेकर फिर से वहीं डेरा डालना है.”

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PoK में प्रदर्शन के बीच संघ प्रमुख का बयान

भागवत ने कहा कि नयी पीढ़ी को इस दिशा में विचार करना चाहिए. संघ प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भीषण हिंसा हुई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. सुरक्षाबलों तथा प्रदर्शनकारियों के बीच हुई तीखी झड़पों में अनेक लोग घायल हुए.

भारत में अनेक भाषाएं लेकिन सबका भाव एक हीः भागवत

अपने संबोधन में भागवत ने भाषा विवाद पर भी विचार रखते हुए कहा कि भारत में भाषाएं अनेक हैं, लेकिन भाव सबका एक ही होता है. उन्होंने कहा, “सारी भाषाएं भारत की राष्ट्रभाषाएं हैं. प्रत्येक नागरिक को कम से कम तीन भाषाएं आनी चाहिए — स्थानीय भाषा, जिस राज्य में रह रहे हैं उसकी भाषा और राष्ट्र की भाषा.”

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