सोन पापड़ी बदनाम हुई ऐ दिवाली तेरे लिए... सोशल मीडिया पर खूब लिए मजे

Diwali Gift: धनतेरस से दिवाली का त्योहार आते आते सोहन पापड़ी सुर्खियों में आ जाती है. त्योहार के मौके पर लोग सोहन पापड़ी को खाने की बजाय दूसरों को आगे गिफ्ट करने से बाज नहीं आते.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
soan papdi
नई दिल्ली:

Soan Papdi on Diwali: दिवाली का त्योहार आते ही मिठाइयों में अगर किसी की सबसे ज्यादा चर्चा होती है तो वो है सोन पापड़ी. आम आदमी की जेब में फिट इस मिठाई की मॉल से लेकर दुकानों तक दीपावली के त्योहार के दौरान जबरदस्त खरीद होती है. लेकिन खाने से ज्यादा ये मिठाई रिश्तेदारों, पड़ोसियों को बांटने में इस्तेमाल होती है. जिन्हें ये सोहन पापड़ी मिलती भी है, वो भी इसे आगे दूसरों को सरकाने की होड़ में लगे रहते हैं. सोशल मीडिया में सोन पापड़ी एक बार फिर बदनाम हो गई है....

सोशल मीडिया में इसको लेकर खूब मीम्स चल रहे हैं. गुलाब जामुन, रसगुल्ला या खोये की मिठाई से अलग सोन पापड़ी की खासियत ये है कि लंबे समय तक रखी जा सकती है. ऐसे में रोशनी के त्योहार में लंबे वक्त लोग इस मिठाई की अदला बदली से नहीं हिचकते. सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि प्लीज आपको सोहन पापड़ी नहीं खानी है तो उसे शॉपिंग मॉल से खरीदें नहीं. रीगिफ्ट से सोहन पापड़ी को बदनाम करें, ये बेहद स्वीट डिश है. 


यूपी, दिल्ली से लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा तक सोन पापड़ी खूब फेमस है. सोन शब्द सोहन यानी स्वर्ण से आया है, इसके सुनहरे रंग के कारण इसका सोहन नाम पड़ा और परतों के कारण इसे सोहन पापड़ी कहते हैं. सोन पापड़ी को पतीशा, सान पापड़ी या शोन पापड़ी भी बोलते हैं. दुकानों में भी इसका लंबे वक्त तक स्टॉक रहता है. तुर्की की स्वीट डिश पिसमानिये से भी इसका स्वाद मिलता जुलता है. 

सोन पापड़ी का इतिहास
सोन पापड़ी को लोग राजस्थान, महाराष्ट्र की खोज बताते हैं. लेकिन कई इतिहासकारों का दावा है कि ये तुर्की से भारत आई. तुर्की की में पिस्मानिये की मिठाई को के लिए बेसन की जगह आटेका का इस्तेमाल होता है. महाराष्ट्र में ज्यादा प्रचलित ये मिठाई गुजरात, पंजाब और राजस्थान के शहरों में भी अब खूब बिकती है.

सोन पापड़ी कैसे बनती है
सोन पापड़ी बनाने के लिए बेसन और मैदे का इस्तेमाल होता है. इसमें चाशनी और पिस्ता और अन्य मेवे भी डाले जाने लगे हैं. बेसन और खरबूज के बीजों को पीसकर डालने से भी इसका अलग स्वाद बनता है.

Advertisement

सोहन पापड़ी 150-200 रुपये से शुद्ध देसी घी वाली 1000 रुपये किलो तक आती है. लेकिन ये सदाबहार मिठाई लोग महीनों तक खाते हैं और ये जल्दी खराब नहीं होती, खासकर बाजार में मिलने वाली पैक्ड डिब्बे. 

Advertisement

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: महागठबंधन को बड़ा झटका, 6 सीटों पर अलग चुनाव लड़ेगी JMM | Breaking News
Topics mentioned in this article