प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहस करने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है. स्मृति ईरानी ने अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अनिच्छा जाहिर करने वाले राहुल गांधी की क्षमताओं पर सवाल उठाया. पिछले दो दशकों सेअमेठी निर्वाचन क्षेत्र गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत का पर्याय रहा है, जिसका प्रतिनिधित्व राहुल गांधी 2004 से 2019 में अपनी हार तक करते रहे हैं. कांग्रेस नेता ने पिछले सप्ताह अपनी मां सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र, रायबरेली लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
बहस के लिए राहुल गांधी की चुनौती का जवाब देते हुए, अमेठी से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कहा, "सबसे पहले, जिस व्यक्ति में अपने तथाकथित महल में एक सामान्य भाजपा कार्यकर्ता के खिलाफ चुनाव लड़ने का साहस नहीं है, उसे इससे बचना चाहिए. शेखी नहीं बघारना चाहिए. दूसरा, जो पीएम मोदी के साथ बैठकर बहस करना चाहता है, मैं उससे पूछना चाहती हूं कि क्या वह 'इंडिया गठबंधन' का पीएम उम्मीदवार है?"
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह और वरिष्ठ पत्रकार और 'द हिंदू' के पूर्व संपादक एन राम ने गुरुवार को पीएम मोदी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनके सामने सार्वजनिक बहस का प्रस्ताव रखा था. पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव अपने आधे पड़ाव पर पहुंच गया है और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के घोषणा पत्रों और प्रमुख मुद्दों के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, लेकिन कोई "सार्थक प्रतिक्रिया" नहीं हुई है.
राहुल गांधी ने निमंत्रण का जवाब देते हुए अपने पत्र में कहा, "हमारी संबंधित पार्टियों पर लगाए गए किसी भी निराधार आरोप को खत्म करना भी महत्वपूर्ण है. चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियों के रूप में जनता सीधे अपने नेताओं से सुनने की हकदार है. इसलिए या तो मुझे या कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसी बहस में भाग लेने में खुशी होगी. कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा के निमंत्रण को स्वीकार करती है. देश को यह भी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस वार्ता में हिस्सा लेंगे."
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह बहस में पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए "100 फीसदी" तैयार हैं, लेकिन दावा किया कि प्रधानमंत्री सहमत नहीं होंगे.