हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य में स्थिति अब नियंत्रण में है. जब भारी बारिश होती है, तो भूस्खलन की घटनाएं होती हैं, लेकिन इस बार 13 से 16 अगस्त के बीच ऐसी घटनाएं कुछ ज्यादा ही देखने को मिली हैं. हिमाचल में भूस्खलन से कई लोगों की मृत्यु हुई है. प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से काफी नुकसान हुआ है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के राजभवन को शनिवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया और पहले दिन करीब 60 छात्रों ने इस ऐतिहासिक भवन का दीदार किया. भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा हाल में बाढ़ एवं भूस्खलन से हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए आज हिमाचल प्रदेश पहुंच रहे हैं.
बारिश से जुड़ी घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 78 हुई
इधर, हिमाचल के शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 78 हो गई. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय मौसम विभाग ने अगले दो दिन के दौरान भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है.
मॉनसून की शुरुआत से अब तक 338 लोगों की मौत
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 24 जून को हुई मॉनसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 338 लोगों की मौत हुई है जबकि 38 लोग लापता हैं. इसने कहा कि 338 मृतकों में से 221 लोगों की मृत्यु बारिश संबंधित घटनाओं में हुई है. आपातकालीन केंद्र की ओर से बताया गया कि 11,600 घरों को पूर्ण या आंशिक रूप से क्षति पहुंची है और करीब 560 सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं. वहीं, 253 ट्रांसफार्मर तथा 107 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं.
हिमाचल से 'खतरा' अभी टला नहीं
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 20 एवं 21 अगस्त के लिए भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जबकि 22 एवं 23 अगस्त के लिए भारी बारिश को लेकर ‘येलो अलर्ट' जारी किया है. मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी है कि शिमला, सिरमौर और चंबा जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक बाढ़ और नदियों तथा नालों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा, फसलों को नुकसान पहुंच सकता है.
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