जहां माता सीता को रावण ने बना रखा था बंदी, वहां के पत्थरों का राम मंदिर निर्माण में होगा इस्तेमाल

सीता एलिया में माता सीता का मंदिर है और ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर लंकापति रावण ने उन्हें बंदी बनाकर रखा था और यहीं माता सीता भगवान राम से प्रार्थना किया करती थीं कि वह उन्हें बचाकर ले जाएं.

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भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा को उच्चायुक्त की मौजूदगी में पत्थर सौंपा गया.
अयोध्या:

श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसा माना जाता है कि माता सीता को रावण ने श्रीलंका में इसी स्थान पर बंदी बनाकर रखा था. श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर के लिए श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का इस्तेमाल भारत और श्रीलंका के संबंधों की मजबूती का स्तम्भ बनेगा. भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा को उच्चायुक्त की मौजूदगी में म्यूरापति अम्मान मंदिर में यह पत्थर सौंपा गया.''

सीता एलिया में माता सीता का मंदिर है और ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर लंकापति रावण ने उन्हें बंदी बनाकर रखा था और यहीं माता सीता भगवान राम से प्रार्थना किया करती थीं कि वह उन्हें बचाकर ले जाएं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर का ‘‘भूमि पूजन'' किया था. इसी के साथ बीजेपी की वह ‘‘मंदिर मुहिम'' पूरी हो गई, जो तीन दशक तक उसकी राजनीति का अहम हिस्सा रही और जिसने उसे सत्ता में शीर्ष पर पहुंचाया.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य सौंपा गया है. स्ट के महासचिव चंपत राय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लगभग तीन साल में पूरा होने की संभावना है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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