भारी बर्फबारी के कारण सिक्किम में फंसे 1,400 से अधिक पर्यटकों को भारतीय सेना (Indian Army) और सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) ने मार्च के महीने में बचाया है. सिक्किम में हर साल सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है, लेकिन इस साल यह पैटर्न अजीबोगरीब रहा है, क्योंकि राज्य में देर से लेकिन अच्छी बर्फबारी हुई है. भयावह ऊंचाई और जमा देने वाले तापमान का सामना करते हुए त्रिशक्ति कॉर्प और बीआरओ ने रणनीतिक सड़कों और संचार लाइनों को सुचारू रखने और स्थानीय लोगों, सैन्य कर्मियों और पर्यटकों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए बर्फ को साफ करने के लिए मौसम की मुश्किल परिस्थितियों के बीच व्यापक पैमाने पर बर्फ हटाने के लिए संयुक्त अभियान शुरू किया.
11 और 15 मार्च को पूर्वी सिक्किम में "ऑपरेशन हिम राहत" के तहत त्रिशक्ति कॉर्प ने बड़े बचाव अभियान चलाए, जिसमें अचानक हुई बर्फबारी के कारण फंसे 1,400 पर्यटकों को शून्य से नीचे के तापमान में सुरक्षित बचाया गया.
सेना के एक अधिकारी ने कहा, "इस वर्ष बर्फ हटाना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रहा है, लगातार बर्फबारी को देखते हुए नागरिकों और सेना के लोगों की किसी भी मूवमेंट को रोक दिया गया है. 14000-18000 फीट की ऊंचाई पर तैनात सेना के जवान लगातार बर्फ को हटाने के काम को अंजाम दे रहे हैं. यह अभियान न सिर्फ सेना के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए भी हितकारी है, जो कि जो सड़कों के खुलने पर बहुत अधिक निर्भर हैं."
इस महीने की शुरुआत में सिक्किम में भारी बर्फबारी के बाद फंसे लगभग 400 पर्यटकों को सेना ने बचाया था और बाद में उन्हें चिकित्सा देखभाल और भोजन सहित आपातकालीन सहायता प्रदान की गई थी. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि लगभग 100 वाहनों में यात्रा कर करीब 400 पर्यटक सिक्किम में नाथू ला और त्सोमगो (चांगगू) झील से लौटते समय फंस गए थे. इसमें 142 महिलाएं और 50 बच्चे शामिल थे.
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