तुलसी गबार्ड के सामने भारत ने रखी सिख फॉर जस्टिस पर बैन की मांग: सूत्र

भारत का कहना है कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ उकसावे वाली और हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, जो दोनों देशों के संबंधों के लिए भी खतरा बन सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

भारत ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) तुलसी गबार्ड के सामने खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस' पर प्रतिबंध लगाने और इसकी भारत-विरोधी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है. सूत्रों के मुताबिक, यह मुद्दा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड के सामने रखी. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड से इस संगठन की गतिविधियों पर अमेरिका से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया. भारत का कहना है कि ‘सिख फॉर जस्टिस' अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ उकसावे वाली और हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, जो दोनों देशों के संबंधों के लिए भी खतरा बन सकता है. भारत ने इस संगठन को पहले ही गैरकानूनी घोषित कर रखा है.

‘सिख फॉर जस्टिस' क्या है?
‘सिख फॉर जस्टिस' एक ऐसा संगठन है जो खुद को सिख समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ने वाला बताता है, लेकिन भारत सरकार इसे खालिस्तानी अलगाववादी समूह मानती है. इसकी स्थापना 2007 में अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी. संगठन का मुख्य लक्ष्य पंजाब को भारत से अलग कर एक स्वतंत्र खालिस्तान राष्ट्र की स्थापना करना है. इसके लिए यह ‘रेफरेंडम 2020' जैसे अभियानों के जरिए दुनिया भर के सिख समुदाय को जोड़ने की कोशिश करता रहा है. भारत ने इस संगठन को 2019 में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.

बांग्लादेश के मुद्दे पर तुलसी गबार्ड ने जताई चिंता
गौरतलब है कि अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने सोमवार को एनडीटीवी वर्ल्ड से एक एक्सक्लूसिव बातचीत में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मुद्दे पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अमेरिका बांग्लादेश की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन वैश्विक स्तर पर "इस्लामी आतंकवाद" को हराने के लिए प्रतिबद्ध है. तुलसी गबार्ड ने कहा कि हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से दुर्भाग्यपूर्ण उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके प्रशासन के लिए चिंता का विषय रहा है. 

भारत के दौरे पर है गबार्ड
गबार्ड भारत-प्रशांत क्षेत्र के दौरे के तहत भारत आई हैं. इस यात्रा के दौरान जापान और थाईलैंड भी वो जाएगी. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी ने पहली बार भारत की उच्चस्तरीय यात्रा की है. गौरतलब है कि पिछले महीने उन्हें अमेरिका की डीएनआई के पद पर नियुक्त किया गया था. यह एक ऐसी भूमिका है जो सीआईए, एफबीआई और एनएसए सहित 18 अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की देखरेख करती है. हालांकि इस  नियुक्ति के बाद भी विवाद देखने को मिला था. आलोचकों ने तुलसी के पास इस पद के लिए जरूरी अनुभव नहीं होने की बात कही थी.

ये भी पढ़ें-: ट्रंप और पीएम मोदी साझा उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे: NDTV से Exclusive बातचीत में तुलसी गबार्ड

Featured Video Of The Day
UER-2 Inauguration: 20 मिनट में Noida से IGI Airport, Artificial Intelligence से समझिए UER-2 का रूट
Topics mentioned in this article