सिख समुदाय ने CAA में संशोधन करने की मांग की, गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

नया नागरिकता क़ानून सिर्फ़ साल 2014 से पहले आए शरणार्थियों पर लागू है, इस वजह से अफगानिस्तान से आ रहे सिखों और हिंदुओं को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है

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दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

दिल्ली के सिख समुदाय के संगठन ने नए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) में संशोधन की मांग की है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिरसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. नए नागरिकता कानून के तहत अफगानिस्तान से भारत आने वाले सिख और हिंदू को यहां की नागरिकता नहीं मिल सकती है. सीएए केवल अनिर्दिष्ट अप्रवासियों पर लागू होता है. यह 2014 के बाद आने वालों पर भी लागू नहीं होता है.

अफ़गानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद लगातार अफ़ग़ानी सिख भारत पहुंच रहे हैं और ज़्यादातर सिखों का कहना है कि वे अब अफ़ग़ानिस्तान वापस नहीं जाएंगे. यही वजह है कि अब सिखों के संगठन गृहमंत्री अमित शाह से मांग कर रहे हैं कि नए नागरिकता क़ानून में संशोधन किया जाए ताकि अफ़ग़ानी सिखों को भारत की नागरिकता मिल सके. नए नागरिकता क़ानून के मुताबिक़ सिर्फ़ 2014 से पहले आए ग़ैर मुस्लिम शरणार्थियों को ही भारत में नागरिकता मिल सकती है. 

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. समिति ने मांग की है कि नए नागरिकता क़ानून में बदलाव किया जाए. नया नागरिकता क़ानून सिर्फ़ साल 2014 से पहले आए शरणार्थियों पर लागू है. इस वजह से अफगानिस्तान से आ रहे सिखों और हिंदुओं को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है.

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