जमानत मिलने के एक महीने बाद भी सिद्दीक कप्पन की जेल से नहीं हुई रिहाई, जानें वजह

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को धन शोधन के एक मामले में 23 दिसंबर को जमानत दी थी.

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नई दिल्ली:

आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत मिलने के एक महीने बाद भी जेल से रिहाई नहीं हुई है. मंगलवार को उनकी रिहाई होने वाली थी लेकिन  विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश की अनुपस्थिति के कारण उनकी रिहाई आज भी नहीं हुई. कप्पन के अधिवक्ता मोहम्मद धानिश के एस ने बताया कि बुधवार को औपचारिकताएं पूरी करने की कोशिश करेंगे. धानिश ने कहा, 'आज बार काउंसिल का चुनाव था. हम आज लखनऊ में विशेष पीएमएलए अदालत में बंध पत्र के साथ आए थे. अवध बार एसोसिएशन के वार्षिक आम चुनाव के कारण जिला न्यायाधीश अदालत में उपस्थित नहीं थे.उन्होंने बताया, 'न्यायाधीश की अनुपस्थिति के कारण रजिस्ट्रार कार्यालय ने ज़मानत को स्वीकार नहीं किया.

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को धन शोधन के एक मामले में 23 दिसंबर को जमानत दी थी. कप्पन की जमानत याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने पारित किया था. कप्पन वर्तमान में लखनऊ की जिला जेल में निरुद्ध हैं. कप्पन को तीन अन्य लोगों - अतिकुर रहमान, आलम और मसूद के साथ पीएफआई के साथ कथित तौर पर संबंध रखने तथा हिंसा भड़काने के षड़यंत्र का हिस्सा होने के लिए मथुरा में अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम एवं सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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