चीन बॉर्डर के पास बनी ये कमाल की सुरंग, अब -13°C में भी LAC पर सेना की पहुंच होगी आसान

लद्दाख में राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों में बीआरओ ने जिस तेज कार्य क्षमता से सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास  किया है, उसने राष्ट्रीय विकास को भी गति प्रदान की है.

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मौसम की सर्द मार, तापमान -13 डिग्री,ऑक्सीजन की मात्रा 40 फीसदी कम और आवागमन के साधनों का अभाव... ऐसे में हमारे जांबाज सैनिक पूरे समर्पण से देश की रक्षा के जुटे रहते हैं. सैनिकों के जीवन को सहज बनाने और सरहद पर पहुंच को आसान करने के लिए हर तरफ चुनौतियों से भरे वाले इलाकों में पहली बार एक साथ 125 बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने वाले प्रोजेक्ट का उद्घाटन हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख की दारबुक - श्योक-दौलत बेग ओल्डी  सड़क पर बनी 920 मीटर लंबे श्योक टनल का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह अपने आप में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन के साथ साथ हम सबके लिए एक बड़ी उपलब्धि है . 

'इंजीनियरिंग का आश्चर्यजनक उदाहरण'

उन्होंने कहा कि यह दुनिया के सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति में निर्मित यह इंजीनियरिंग का आश्चर्यजनक उदाहरण है. अब यह रणनीतिक एरिया हर मौसम में सड़क मार्ग से जुड़ गया है. इसके अलावा यह टनल, भारी बर्फबारी, भूस्खलन और अत्यधिक ठंड वाले इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से तेजी से तैनाती की क्षमता को भी बेहतर बनाएगी. इस सामरिक प्रोजेक्ट के पूरा होने से रणनीतिक मोर्चे पर न केवल सेना की क्षमता में इजाफा हुआ है बल्कि बार्डर वाले इलाकों में कनेक्टिविटी भी और बेहतर हो गई है. खास बात यह है कि यह सारा इलाका चीन से लगी सीमा के काफी करीब हैं. 

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि बॉर्डर रोड्स के 125 प्रोजेक्ट का उद्घाटन इतिहास में अब तक की सबसे अधिक कीमत वाली परियोजना है, जिसकी कुल कीमत 5000 करोड़ आई है. इसके तहत लद्दाख के साथ-साथ जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भी बीआरओ की अन्य परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित की गई हैं. 

विकसित भारत के संकल्प का प्रमाण

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि एक तरफ तो विकसित भारत के संकल्प का प्रमाण है, तो वहीं दूसरी तरफ ये प्रोजेक्टस बॉर्डर एरिया में बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के हमारी सरकार के अटल इरादों का भी एक सशक्त उदाहरण है. रक्षा मंत्री ने इसके लिये सेना के बहादुर सैनिकों और बीआरओ के उन सभी कर्मियों को बधाई दी जो देश के लिए लगातार काम कर रहे हैं. किसी भी मौसम में, किसी भी स्थिति में काम करते रहने के उनके जज्बे का ही यह परिणाम है कि आज हमारा देश लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है .

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि, "आज हमारे जवानों ने हमेशा से, जिस पराक्रम और वीरता का परिचय दिया है, वह अपने आप में हम सबके लिए एक प्रेरणा है. मैं सही कहूँ, तो आज हम जिन बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर रहे है  यह हमारे उन्हीं वीरों को, राष्ट्र की ओर से एक सौगात है . इन्हें राष्ट्र को समर्पित करते हुए, मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है." 

लद्दाख में राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों में बीआरओ ने जिस तेज कार्य क्षमता से सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास  किया है, उसने राष्ट्रीय विकास को भी गति प्रदान की है . स्वदेशी समाधान के माध्यम से जटिल प्रोजेक्टस को भी सफलतापूर्वक पूरा कर बीआरओ आज कम्युनिकेशन और कनेक्टिविटी का पर्याय बन चुका है.

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