शुभेंदु अधिकारी ने अमित शाह को TMC के करीबन 100 नेताओं के नाम बताए जो पैसा इकट्ठा करते हैं

आज प बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस बैठक में शुभेंदु ने 100 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम अमित शाह से साझा किए जो टीएमसी के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए जाने जाते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. (फाईल फोटो)
नई दिल्ली:

आज प बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस बैठक में शुभेंदु ने 100 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम अमित शाह से साझा किए जो टीएमसी के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए जाने जाते हैं. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए और मेहनत करने की जरूरत है क्योंकि वहां भ्रष्टाचार में टीएमसी के नेता , पदाधिकारी  और कुछ अधिकारी भी शामिल हैं.

बैठक में बंगाल बीजेपी के संगठन से जुड़े मुद्दों को भी उठाया गया. दोनों ने उन तरीकों पर भी बात-चीत की जिससे राज्य में भाजपा को मजबूत बनाया जा सके.

बैठक में शुभेन्द् अधिकारी की तरफ से ये भी मांग की गई कि कि CAA के नियम जल्द से बनाए और नोटिफाई किए जाएं. शिक्षित और बेरोजगार युवाओं के मुद्दो पर भी बात हुई कि किस तरह बंगाल के नौजवानों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मुहैय्या कराए जाएं.

गौरतलब है कि आज ही तृणमूल कांग्रेस (TMC)  के निलंबित नेता पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) ने कहा कि एजेंसी द्वारा बरामद किए गए करोड़ों रुपयों की जानकारी उन्हें नहीं है. “ये पैसे बिना उनकी जानकारी के उनके घर में रख दिया गया है,” अर्पिता मुखर्जी ने कहा. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने दक्षिण-पश्चिम कोलकाता और बेलघोरिया में उसके दो फ्लैटों से आभूषणों के साथ-साथ लगभग ₹ 50 करोड़ नकद बरामद किए हैं.

इससे पहले पार्थ चटर्जी ने कहा था कि वह "एक साजिश का शिकार" हो गए हैं. पार्थ चटर्जी ने यह भी कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई उचित थी या नहीं यह तो समय ही बताएगा.

दोनों आरोपियों के बयानों के मद्देनज़र राज्य की सियासत में अटकलबाजियों का दौर चल रहा है कि आखिर ये दोनों किस तरफ इशारा कर रहे हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: बढ़ा हुआ मतदान और नए एग्ज़िट पोल्स महाराष्ट्र में क्या कर रहे हैं इशारा?