दादर के शिवाजी पार्क में हर साल शिवसेना की दशहरा रैली निकाली जाती है. ऐसे में इस बार शिवाजी पार्क शिवसेना में उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच राजनीतिक युद्ध का अखाड़ा बनने जा रहा है. 5 अक्टूबर को दशहरा है और अबकी बार यहां किसकी रैली होगी यह कहना मुश्किल हो गया है. एकनाथ शिंदे गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर पहले उद्धव ठाकरे से मुख्यमंत्री की कुर्सी छीनी और अब शिवसेना के दशहरा सम्मेलन पर भी कब्जा करना चाहते हैं. शिवसेना हरसाल शिवाजी पार्क पर दशहरा सम्मेलन करती है. इस बार भी पार्टी ने अर्जी देकर इजाजत मांगी है, लेकिन बीएमसी और पुलिस ने अभी तक कोई इजाजत नहीं दी है. इस बीच एकनाथ शिंदे गुट ने भी शिवाजी पार्क पर ही दशहरा सम्मेलन करने की बात कह मामले को पेचीदा बना दिया है।
शिवसेना हर साल इसी शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली करते हैं, यहां बड़ी संख्या में शिवसैनिक जमा होते हैं और यहां से संदेश लेकर देश के कोने कोने में जाते हैं. पिछले दो साल से कोरोना की वजह से यहां दशहरा रैली नहीं हो पाई. एकनाथ शिंदे की बागवत के बाद शिवसेना के पास बड़ा मौका है कि वह यहां रैली करके अपनी ताकत दिखा सकें, इसके लिए उन्होंने बीएमसी से इजाजत न मिलने की वजह से नया विवाद ही पैदा हो गया है.