महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी BJP पर जमकर निशाना साधा. केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई को जम्मू-कश्मीर में घुसने वाले आतंकियों से निपटने के लिए बॉर्डर पर भेज दिया जाना चाहिए. किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ हो रहे बर्ताव को लेकर भी शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा कि ठंड के मौसम में किसानों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना "क्रूरता" है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में गुजरात में लगी सरदार पटेल की मूर्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने अंग्रेजों के खिलाफ कई किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया. लेख में कहा गया, "उनकी प्रतिमा रो रही होगी, यह देखकर कि किसानों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है."
सामना के संपादकीय में विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए कहा गया, "सरकार सोचती है कि वह विपक्ष को रोकने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर सकती है. इन एजेंसियों को अपनी वीरता साबित करने का अवसर दिया जाना चाहिए. हर समय गोली काम नहीं आती है. दिल्ली बॉर्डर पर खड़े हमारे किसानों को आतंकी कहा गया जबकि आतंकी जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर से घुस रहे हैं. ऐसे समय में, ईडी और सीबीआई को सरहद पर भेज देना चाहिए. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है."
शिवसेना ने संपादकीय में कहा, "बीजेपी न सिर्फ देश का माहौल खराब कर रही है बल्कि निरंकुशता को आमंत्रित कर रही है. खालिस्तान का मुद्दा खत्म हो गया है और उसके लिए इंदिरा गांधी और जनरल अरुण कुमार वैद्य को अपनी जान गंवानी पड़ी. बीजेपी इस मुद्दे को फिर से लाना चाहती है और पंजाब में राजनीति करना चाहती है. अगर इस चिंगारी को भड़काया गया तो यह देश के लिए विनाशकारी होगा."