- राहुल गांधी के आवास पर इंडिया गठबंधन की डिनर मीटिंग में कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया था.
- बैठक में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उद्धव ठाकरे सबसे पीछे बैठे नजर आए.
- उद्धव ठाकरे के पीछे बैठने पर शिवसैनिकों ने मुंबई में बाला साहेब ठाकरे स्मृति स्थल पर आंदोलन किया.
बृहस्पतिवार को राहुल गांधी के नए आवास पर इंडिया गठबंधन की डिनर मीटिंग हुई. राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने मेहमानों का स्वागत किया. मेहमानों में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम के साथ ही राकांपा (एसपी) के प्रमुख प्रमुख शरद पवार, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, राजद के नेता तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और टी आर बालू, माकपा महासचिव एमए बेबी, भाकपा के डी राजा, भाकपा (माले) लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य और राज्यसभा सदस्य कमल हासन शामिल हुए. रात्रि भोज पर हुई बैठक के दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया. मगर, कुछ तस्वीरों ने उद्धव ठाकरे की गठबंधन में पूछ पर सवाल खड़े कर दिए.
दरअसल, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत को राहुल गांधी के प्रजेंटेशन में सबसे पीछे बैठे देखा गया. यहां तक की राजनीति में अभी-अभी आए कमल हासन तक उनसे आगे नजर आए. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह इस पर दबी चर्चाओं के बीच एकनाथ शिंदे के शिवसैनिकों को ये उद्धव ठाकरे का अपमान लगा. वे मुंबई में बाला साहेब ठाकरे के स्मृति स्थल पर आंदोलन करने पहुंच गए. कहने लगे कि राहुल गांधी के डिनर प्रज़ेंटेशन कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे को हॉल की अंतिम पंक्ति में बैठाया गया. इस घटना के बाद जो तस्वीर सामने आई उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उद्धव ठाकरे की "इंडी गठबंधन" में क्या स्थिति है.
शिवसैनिकों ने लगाए व्यंग्य भरे नारे
आंदोलन के दौरान शिवसैनिकों ने उद्धव ठाकरे के पोस्टर लगाए और कटाक्ष भरे नारे लगाने लगे. 'कांग्रेस के चरणों में समर्पित हो चुके उबाठा को माफ़ करो', 'बालासाहेब, उबाठा को माफ़ करो”, 'सड़ा हुआ दिमाग़ साफ़ करो' जैसे नारे लगाकर बाला साहेब की हैसियत से उद्धव ठाकरे की हैसियत की तुलना कर व्यंग्य किए. इस आंदोलन में शिवसेना विधायक डॉ. मनीषा कायंदे, प्रवक्ता शीतल म्हात्रे, प्रवक्ता सुशीबेन शाह, महिला विभाग प्रमुख प्रिया सरवणकर, पूर्व नगरसेवक दत्ता नरवणकर, पूर्व नगरसेवक समाधान सरवणकर समेत सैकड़ों शिवसैनिकों ने भाग लिया.
पीछे बैठाने पर उठाए सवाल
शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने कहा की उद्धव ठाकरे दिल्ली जाते हैं और एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें आखिरी लाइन में बैठाया जाता है. क्या हालत हो चुकी है उनकी इंडिया गठबंधन में? पहले ठाकरे के लिए एक अलग कुर्सी होती थी, जिस पर वह बैठते थे. अब उन्हें एक सोफे पर बैठाया जा रहा है. उनकी यह अवस्था हिंदुत्व को छोड़ने की वजह से आज हुई है. जो हालत उनकी हो चुकी है, उस हालत को देखते हुए हम आज बाला साहब ठाकरे के स्मृति स्थल पर माफ़ी मांगने आए हैं. साथ ही यह भी बताया की आज शिवसेना एकनाथ शिंदे के हाथों में है, जो बाला साहेब के विचारों को आगे लेकर जा रही है. शिवसेना प्रवक्ता शीतल म्हात्रे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे दिल्ली जाकर न तो डगमगाए, न झुके, बल्कि रेंगते हुए गए. उबाठा सेना को सोनिया गांधी के पैरों में डाल दिया गया है. जिस वक्त शिवसेना-भाजपा गठबंधन में थी, उस वक्त अमित शाह भी मातोश्री आए थे. अब आप चूहे की तरह कहीं भी बैठ जाते हैं, ऐसी तीखी टिप्पणी शीतल म्हात्रे ने की.