- केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में शशि थरूर के क्षेत्र में कांग्रेस हार गई और भाजपा ने जीत हासिल की
- शशि थरूर ने भाजपा को नगर निगम में ऐतिहासिक प्रदर्शन और महत्वपूर्ण जीत के लिए सोशल मीडिया पर बधाई दी
- थरूर ने कहा कि चुनाव परिणाम राज्य की लोकतांत्रिक भावना और सत्ता-विरोधी लहर का स्पष्ट संकेत है
केरल में स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे आ गए हैं. शशि थरूर के इलाके में कांग्रेस हार गई है और भाजपा जीत गई है. शशि थरूर ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने बीजेपी को बधाई दी है. ऐसे में अब देखना है कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है. कांग्रेस पहले से ही थरूर और बीजेपी के संबंधों को लेकर संशय में रही है. पहले पढ़ लीजिए शशि थरूर ने लिखा क्या है...
'केरल के स्थानीय स्वशासन चुनावों में आज के दिन शानदार नतीजे देखने को मिले! जनादेश स्पष्ट है और राज्य की लोकतांत्रिक भावना स्पष्ट रूप से झलकती है.
विभिन्न स्थानीय निकायों में प्रभावशाली जीत के लिए @UDFKerala को हार्दिक बधाई! यह एक बड़ा समर्थन है और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले एक सशक्त संकेत है. कड़ी मेहनत, सशक्त संदेश और सत्ता-विरोधी लहर का स्पष्ट रूप से फल मिला है और 2020 की तुलना में कहीं बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं.
मैं तिरुवनंतपुरम में भाजपा के ऐतिहासिक प्रदर्शन को भी स्वीकार करना चाहता हूं और नगर निगम में उनकी महत्वपूर्ण जीत पर विनम्र बधाई देता हूं - यह मजबूत प्रदर्शन राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय बदलाव का प्रतीक है. मैंने 45 वर्षों के एलडीएफ कुशासन से मुक्ति के लिए प्रचार किया था, लेकिन मतदाताओं ने अंततः एक ऐसी पार्टी को पुरस्कृत किया है जिसने शासन में स्पष्ट बदलाव की मांग की थी.
यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. जनता के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे वह यूडीएफ के लिए हो या मेरे निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के लिए.'
हम केरल की बेहतरी के लिए लगातार काम करते रहेंगे, जनता की जरूरतों की वकालत करेंगे और सुशासन के सिद्धांतों को कायम रखेंगे. आगे बढ़ते रहो!
कांग्रेस क्या करेगी
शशि थरूर की ये बातें कांग्रेस को जाहिर तौर पर अच्छी नहीं लगी होंगी. हालांकि, थरूर ने कोई गलत बात नहीं बोली है, लेकिन कांग्रेस इससे असहज जरूर हो सकती है. अब देखना ये है कि कांग्रेस इसे थरूर की एक और भूल समझकर चुप्पी साध लेती है या कोई बड़ा फैसला करती है.
अब तक देखा गया है कि कांग्रेस की राज्य इकाई या अन्य कम महत्वपूर्ण नेता तो थरूर को लेकर तंज कसते रहे हैं, मगर कभी कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कोई बात नहीं कही गई है. उन्हें साइडलाइन करने की कोशिश तो हुई है, मगर बड़ी कार्यवाही भी नहीं हुई है. केरल स्थानीय चुनाव रिजल्ट के बाद अब देखना होगा कि कांग्रेस क्या करती है.













