"सरकारी सिस्टम की विफलता": महाराष्ट्र के अस्पताल में हुई मौतों पर शरद पवार

शरद पवार ने कहा, "अभी दो महीने पहले, एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी जहां ठाणे नगर निगम के कलवा अस्पताल में एक ही रात में 18 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना को गंभीरता से न लेने के कारण नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में ऐसी गंभीर घटना हुई, यह सरकारी सिस्टम की विफलता को दर्शाता है.''

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शरद पवार (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत पर एकनाथ शिंदे सरकार निशाने पर आ गई है. एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना करते हुए, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह घटना सरकारी सिस्टम की विफलता को उजागर करती है. इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर कदम उठाने को कहा. शरद पवार ने एक्स पर कहा, "नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सचमुच चौंकाने वाली है."

यह घटना यहां शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दवाओं की कथित कमी के कारण दर्ज की गई थी. इसी तरह की एक घटना में ठाणे नगर निगम के कलवा अस्पताल में 18 लोगों की मौत हो गई थी. पवार ने कहा, "अभी दो महीने पहले, एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी जहां ठाणे नगर निगम के कलवा अस्पताल में एक ही रात में 18 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना को गंभीरता से न लेने के कारण नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में ऐसी गंभीर घटना हुई, यह सरकारी सिस्टम की विफलता को दर्शाता है.''

पवार ने कहा कि सरकार की विफलता के कारण नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में भी इसी तरह की त्रासदी हुई. पवार ने निर्दोष मरीजों की जान बचाने की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने का आग्रह किया. शरद पवार ने कहा, "कम से कम इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ठोस कदम उठाए जाएं ताकि ये घटनाएं दोबारा न हों और निर्दोष मरीजों की जान बचाई जा सके."

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मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन डॉ. श्यामराव वाकोड़े ने बताया कि मृतक सांप के काटने, आर्सेनिक और फास्फोरस विषाक्तता आदि सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे. उन्होंने कहा, "पिछले 24 घंटों में लगभग 12 बच्चों की मृत्यु हो गई और 12 वयस्कों की भी विभिन्न बीमारियों (सांप के काटने, आर्सेनिक और फास्फोरस विषाक्तता आदि) के कारण मृत्यु हो गई. विभिन्न कर्मचारियों के स्थानांतरण के कारण, हमारे लिए कुछ कठिनाई हुई, हमें दवाओं की खरीददारी करनी थी. लेकिन वह भी नहीं हुई. इसके अलावा, मरीज दूर-दूर से इस अस्पताल में आते हैं और कई मरीज़ ऐसे थे जिनका स्वीकृत बजट भी गड़बड़ा गया. "

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पूर्व सीएम और नांदेड़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि इन मौतों के अलावा, जिले के अन्य निजी अस्पतालों से रेफर किए गए अन्य 70 मरीजों की हालत 'गंभीर' बताई गई है. उन्होंने कहा, "डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लगभग 24 लोगों की मौत की सूचना मिली है और इसलिए मैं यहां आया हूं और डीन से मिला हूं. स्थिति चिंताजनक और गंभीर है. सरकार को तत्काल सहायता प्रदान करनी चाहिए... लगभग 70 अन्य लोगों की हालत गंभीर है. स्थानांतरित नर्सों को रिप्लेस भी नहीं किया गया है.'' 

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